प्रेस की स्वतंत्रता पर अपनी रिपोर्ट के देशों वाले अध्याय में यूनेस्को ने ‘भारत + कश्मीर ’ लिखा है. जिस पर अब विवाद खड़ा हो गया है.
UNESCO कश्मीर को भारत का हिस्सा नही मानती?
प्रेस की स्वतंत्रता पर अपनी रिपोर्ट के देशों वाले अध्याय में यूनेस्को ने ‘भारत + कश्मीर ’ लिखा है जिसे लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या वैश्विक संस्था कश्मीर का पृथक अस्तित्व मानती है।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यूनेस्को- इंटरनैश्नल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट (आईएफजे ) की रिपोर्ट गुरुवार को यूनेस्को ऑफिस में जारी की गई. ‘Clampdowns and Courage-South Asia Press Freedom Report 2017-18’ नाम की रिपोर्ट पर विवाद खड़ा हुआ है.
सवाल उठ रहे हैं कि क्या यूनेस्को कश्मीर का पृथक अस्तित्व मानती है. रिपोर्ट जारी होने के बाद सवाल पूछा गया कि इसमें कश्मीर को भारत से अलग क्यों लिखा गया है?
प्रेस की स्वतंत्रता पर UNESCO की रिपोर्ट में INDIA+Kashmir:
जवाब में आईएफजे के दक्षिण एशिया समन्वयक उज्ज्वल आचार्य ने कहा कि इस मुद्दे का किसी खास राजनीतिक हित से कोई लेना-देना नहीं है. कश्मीर को इस रूप में इसलिए शामिल किया गया है, क्योंकि उसे दक्षिण एशिया के अस्थिर क्षेत्र में रखा गया है.
बता दें कि इस रिपोर्ट के अनुसार पिछले 20 साल में लगभग 30 जर्नलिस्ट अपने काम की वजह से मारे गए. वहीं इन मामलों में आरोपियों पर कार्रवाई का प्रतिशत लगभग शून्य है.
भारत में 20 साल में 30 से ज्यादा जर्नलिस्ट मारे गये:
वहीं मई 2017 से अब तक मरने वाले पत्रकारों में गौरी लंकेश और शांतनू भौमिक प्रमुख नाम हैं. इस दौरान साउथ एशिया में हिंसा रोकने के लिए 97 बार इंटरनेट बंद किया गया. सबसे ज्यादा भारत में 82 बार और फिर पाकिस्तान 12 बार इंटरनेट को बंद किया गया.
गौरतलब है कि पहले भी कई बार मैप पर कश्मीर और POK को गलत दर्शाने पर विवाद उत्पन्न हो चुके हैं. वहीं पाकिस्तान ने नक्शे को लेकर भारत के नए कानून पर UN को चिट्ठी लिखी थी और शिकायत दर्ज करवाई थी. नए कानून के तहत नक्शा ग़लत दिखाने पर 100 करोड़ तक जुर्माना और 7 साल की जेल का प्रावधान है.