वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट पेश कर दिया गया है. जिसके तहत इस वर्ष आम आदमी के लिए कई तरह की रियायतें की गयी हैं. बता दें कि इस वर्ष सरकार द्वारा कुछ कदम उठाये गए जिन्हें ऐतिहासिक बताया जा रहा है. जिसमे से रेल बजट का आम बजट के साथ पेश होना. साथ ही करीब 20 साल बाद पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम के ड्रीम बजट के बाद इस साल के बजट मे४इन टैक्स की स्लैब में बड़े बदलाव किये गए हैं, जो अपने आप में बदलाव की एक मिसाल कहे जा रही हैं. दरअसल नोटबंदी के बाद सरकार द्वारा उठाया गया इस तरह का कदम आम आदमी की उस दौरान हुई थकन व परेशानी में बहुत हद तक राहत पहुंचाने का काम करेगा.
केंद्रीय बजट 2017-18(आयकर स्लैब):
- आयकर स्लैब में आया बड़ा बदलाव आया है.
- 3 लाख की आय पर कोई टैक्स नहीं.
- 3-3.5 लाख तक आय पर 2500 टैक्स.
- 3-5 लाख तक की आय पर 5% टैक्स.
- 5 से 10 लाख की आमदनी पर 20 % टैक्स,
- 10 लाख से अधिक की आमदनी पर 30 % टैक्स.
- 50लाख-1करोड़ की आमदनी पर 30 % टैक्स+10% सरचार्ज.
- 1 करोड़ के ऊपर आय पर 30% + 15% सरचार्ज.
केंद्रीय बजट 2016-17(आयकर स्लैब) :
- 2.5 तक की आय पर कोई टैक्स नहीं.
- 2.5-5 लाख तक की आय पर 10% टैक्स.
- 5-10 लाख की आय पर 20% टैक्स.
- 10 लाख से अधिक आय पर 30% टैक्स.
- 1 करोड़ से अधिक आमदनी पर 30% टैक्स + 12% सरचार्ज.
केंद्रीय बजट 2015-16(आयकर स्लैब) :
- 2.5 तक की आय पर कोई टैक्स नहीं.
- 2.5-5 लाख आय पर 10% टैक्स.
- 5-10 लाख आय पर 20% टैक्स.
- 10 लाख से अधिक आमदनी पर 30% टैक्स.
- 1 करोड़ की आमदनी पर 30% टैक्स +12% सरचार्ज.