मोदी सरकार का बजट एक फ़रवरी को आएगा लेकिन इसके पहले कई प्रकार की चर्चाएँ चल रही हैं. वहीँ आर्थिक सर्वे को देखते हुए सरकार की चिंता कुछ कम नहीं है. लिहाजा आम जन को उम्मीदें भी हैं और साथ में आर्थिक सुधार जैसे कदम को लेकर संशय भी है कि आखिर बजट का स्वरुप कैसा होगा.

हॉस्पिटैलिटी सेक्टर

हॉस्पिटैलिटी सेक्टर या होटल इंडस्ट्री की भी 2018 के आम बजट से कई उम्मीदें हैं. जीएसटी स्लैब में राहत देने, कॉर्पोरेट टैक्स की दरें 25 फीसदी तक घटाने और आईटीसी के फायदे देने जैसी मांगें हैं. अगर इस सेक्टर की ये मांगें पूरी होती हैं तो इससे लोगों का घर से बाहर ठहरना और खाना आदि सस्ता हो सकता है.

फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर

रिसर्च और इनोवेशन के लिए जीडीपी का दो से तीन फीसदी खर्च करना, टैक्स क्रेडिट को दो से तीन साल के लिए बढ़ाना, मेडिकल यंत्रों पर जीएसटी की दर घटाना और हेल्थ इंश्योरेंस के लिए विशेष प्रावधान करना आदि शामिल हैं. इस सेक्टर की मांगों को मानने से लोगों को आसानी से सस्ता इलाज मिलेगा.

टैक्स स्लैब में हो सकता है बदलाव

कुछ विशेषज्ञों के अनुसार तीन लाख रुपये तक की आय को पूरी तरह से कर मुक्त किया जा सकता है. हालांकि, मौजूदा व्यवस्था में भी तीन लाख रुपये तक की आय कर मुक्त है, लेकिन बजट में स्लैब में ही बदलाव कर इस व्यवस्था को पक्का किया जा सकता है. इस समय ढाई लाख रुपये तक की सालाना आय कर मुक्त है जबकि ढाई से पांच लाख रुपये की आय पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगता है. इसके अलावा इस वर्ग में 2,500 रुपये की अतिरिक्त छूट भी दी गई है जिससे तीन लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगता है. वित्त मंत्री इस स्लैब को तीन से पांच लाख रुपये कर सकते हैं. इसके बाद पांच से दस लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत और दस लाख रुपये से अधिक की आय पर तीस प्रतिशत दर से कर देय होगा.

एग्रीकल्‍चर सेक्‍टर में मॉडल कॉन्‍ट्रेक्‍ट फार्मिंग एक्‍ट तैयार होगा

1 फरवरी 2017 को वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की थी कि एग्रीकल्‍चर सेक्‍टर में मॉडल कॉन्‍ट्रेक्‍ट फार्मिंग एक्‍ट तैयार किया जाएगा, जिसे राज्‍य सरकारें अपने-अपने राज्‍य में लागू करेंगी. लेकिन एक्‍ट का ड्राफ्ट दिसंबर 2017 के आखिरी सप्‍ताह में तैयार किया गया जिस पर अभी आपत्तियां व सुझाव मांगे गए हैं.

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें