संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यता के लिये एक-दूसरे का समर्थन करने वाले जी 4 देश संयुक्त राष्ट्र सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के प्रयास के तहत जी4 के सभी देश, जिसमें भारत भी शामिल है। कहा है कि वे सुधार के लिए नवोन्मेषी विचारों के लिए तैयार है और स्थाई सदस्य के तौर पर तब तक वीटो का अधिकार नहीं होने के विकल्प को लिए भी तैयार हैं जब तक इस बारे में कोई फैसला नहीं हो जाता।
सैयद अकबरूद्दीन ने दिया बयान:
- संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने 8 मार्च को अंतर सरकारी वार्ता बैठक की।
- सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए बड़ी संख्या में संयुक्त राष्ट्र बयान जारी किया।
- कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश स्थायी और अस्थायी सदस्यता के विस्तार का समर्थन करते हैं।
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वीटो के मुद्दे पर अकबरूद्दीन ने बयान में कहा कि कई लोगों ने अलग-अलग नजरिए से गौर किया।
- जी-4 का रूख है कि वीटो कोई समस्या (नए स्थायी सदस्यों को तत्काल देने के संदर्भ में) नहीं है।
- लेकिन समस्या अवरोधों का प्रावधान करने को लेकर है।
जी-4 देशों के बयान
- जी-4 देशों के बयान में कहा इस बात से अवगत हैं कि आगे बढ़ने के लिए कोई दूसरा तरीका नहीं है
- लेकिन इसके साथ ही हम संयुक्त राष्ट्र में सुधार के लिए नए विचारों का स्वागत करते हैं।
- उन्होंने कहा यह दुभार्ग्यपूर्ण है कि अभी तक उन्हें कोई प्रगतिशील विचार सुनने को नहीं मिला है।
- साथ ही कुछ देश पुराने ठुकराए गए विचारों को दोबारा पेश कर रहे है।
- वीटो के मुद्दे पर जी-4 ने कहा कि प्रतिबंध लाने पर वीटो का मामला मात्रात्मक न हो कर गुणवत्ता का है।
- आपको बता दें कि जी-4 (G4) में भारत, जर्मनी, ब्राजील और जापान शामिल हैं।
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