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उत्तर प्रदेश के बुलंद शहर के रहने वाले युवा वैज्ञानिक डा. तरुण कुमार भारद्वाज को अमेरिका में पिछले ढाई महीने से नजरबंद किया है। अपने बेटे से मिलने व सही सलामत देखने के लिए परिजनों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से गुहार लगाई है।
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चल रही है अमेरिका में तरुण को पागल करार देने की साजिश :
- युवा वैज्ञानिक तरुण भारद्वाज के परिजन बेटे से मिलने के परेशान हैं।
- उनका आरोप है कि पिछले ढाई महीने से तरुण को अमेरिका में नजरबंद करके रखा गया है।
- उनका कहना है कि नस्लभेद और व्यावसायिक रंजिश के कारण ऐसा किया जा रहा है।
- परिजनों का यह भी कहना है कि अमेरिका में तरुण को पागल करार देने की बड़ी साजिश रची जा रही है।
मां का रो-रो कर बुरा हुआ हाल :
- अमेरिका में बेटे का ऐसा हाल देखकर बूढ़े माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है।
- वह हर जगह अनुरोध और आग्रह रहे हैं ताकि वो अपने बेटे से मिल सकें।
- इसके लिए तरुण के बूढ़े माता-पिता ने प्रधानमंत्री से भी समय मांगा, जिसके लिए एक पत्र भी लिखा है।
टैक्सास यूनिवर्सिटी में परमाणु वैज्ञानिक हैं तरुण :
- तरुण 2010 से अमेरिका की टैक्सास यूनिवर्सिटी में परमाणु वैज्ञानिक हैं।
- वह मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के बुलंद शहर के शिकारपुर के रहने वाले हैं।
- तरुण की मां और भाई के मुताबिक उउन्हें पेंटागन के एक गोपनीय प्रोजेक्ट का प्रमुख बनाकर बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
- परिजन ने कहा कि नस्लवादी मानसिकता और व्यावसायिक कटुभावना रखने वाले कुछ सहयोगियों ने उसे परेशान करना शुरु कर दिया।
- उन्होंने आरोप लगाया कि इस दौरान केवल कंप्यूटर और मोबाइल भी लूट लिया गया।
- परिजन का दावा है कि रिसर्च से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां कंप्यूटर और मोबाइल में सेव थी।
झूठा आरोप लगाकर नौकरी से बाहर निकाला :
- परिजन के मुताबिक तरुण पर झूठा लांझन लगाने के बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया।
- इस बाबत तरुण ने इसका विरोध करते हुए न्यायलय का सहारा लिया।
- न्यायलय ने फैसला तरुण के पक्ष में सुनाया।
- इस फैसले के बाद के से तरुण दिन और बुरे होते चले गये।
- परिजन ने बताया कि तरुण से दो हजार डॉलर का बान्ड भी भरवाया गया था।
तरुण को किया गया नजरबंद :
- परिजनों का आरोप है कि बड़ी साजिश के तहत उसे को ब्राजोश काउंट्री के डिटेंशन सेंटर में नजरबंद करा दिया गया है।
- जहां तरुण ढाी महीने से नजरबंद है।
- परिजन के मुताबिक कुछ दिन पहले तरुण ने किसी तरह फोनकर अपनी आपबीती सुनाई।
- फोन पर तरुण ने बताया कि उसे पागल करार देने का प्रयास किया जा रहा है।
- परिजन ने बड़ी जानकारी देते हुए कहा कि तरुण पर 7 लाख डॉलर का पेनल्टी भरने का दबाव बनाया जा रहा है।
6 महीने से लगा रहे विदेश मंत्री से गुहार :
- तरुण के परिजनों ने बताया कि पिछले 6 महीने से हर दूसरे-तीसरे दिन विदेश मंत्री से गुहार लगा रहे हैं।
- परिजन ने कहा कि कभी सुषमा स्वराज को ट्वीट कर रहे हैं तो भी विदेश मंत्रालय ईमेल व फोन कर रहे हैं।
- मगर अब न तो कोई संतोषजनक बयान आया और न ही कोई आश्वासन मिला है।
- परिजन के मुताबिक वह केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक बेटे की सलामती के लिए गुहार लगा रहे हैं।
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