नेपाल की सब्जी वाली और पाकिस्तान के चायवाले के बाद अब इंडिया की एक चायवाली ने लोगो का रुख अपनी तरफ खींचा है। इंडिया की इस चायवाली का नाम है उप्पमा विर्दी। आपको ये सुन शायद हैरानी होगी ऑस्ट्रेलिया ने साल 2016 का बिजनेस वोमेन ऑफ द इयर के सम्मान से इस इंडियन चायवाली को नवाजा है।26 साल की उप्पमा विर्दी एक कॉरपोरेट लॉयर है, लेकिन उनके चाय बनाने के तरीके के सब मुरीद हैं और इसी कला ने उन्हें फेमस बना दिया।
भारत में हर चाय वाला एक उद्यमी की तरह है
- नेपाल कि सब्जी वाली और पाकिस्तान के चायवाले के बाद अब इंडियन चायवाली ने भी लोगों का रुख अपनी तरफ किया है।
- इस चायवाली का नाम उप्पमा विर्दी है।
- विर्दी को इस साल ऑस्ट्रेलिया ने बिजनेस वोमेन ऑफ़ द इयर से नवाज़ा है।
- कुछ साल पहले एक TV इंटरव्यू के लिए स्टुडियों पहुंची विर्दी।
- अपने साथ चाय की केतली और कप ले लेकर के पहुंची।
- सभी को लगा कि विर्दी शायद मजाक कर रही हैं।
- लेकिन विर्दी का कहना था कि इसके जरिए मैंने लोगों तक मसाला चाय के बारे में बताने की कोशिश की।
- विर्दी फिलहाल फेमस रिटेल वेंचर चला रही हैं जिसका नाम उन्होंने “चायवाली” रखा है।
- यह एक ऑनलाइन हॉलसेल शॉप है।
- लोगों का मानना है कि विर्दी को जो प्रसिद्धि मिली है।
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- वह उनकी मेहनत और सोशल मीडिया पर कैंपेन की वजह से हासिल हुई है।
- चाय के प्रति यह लगाव विर्दी को विरासत में मिला है।
- विर्दी के दादा आयुर्वेद के एक डॉक्टर थे।
- जिन्हें मसालों के बारे में अच्छी जानकारी थी।
- अपने दादा से मिले इस तोहफे को अपना कर विर्दी ने ये मुकाम हासिल किया है।
- अपनी पढ़ाई के लिए विर्दी जब ऑस्ट्रेलिया पहुंची तो उन्होंने इंडियन चाय को बहुत मिस किया।
- विर्दी का कहना है कि तनाव दूर करने का सबसे अच्छा तरीका होने साथ चाय हमें जोड़ती भी है।
- इस काम को शुरू करने पर विर्दी के पेरेंट्स चायवाली शब्द से काफ़ी चिंतित हुए।
- उनके पेरेंट्स ने इस काम को लेकर आपत्ति भी जताई क्योंकि भारत में इस काम को छोटा समझा जाता है।
- विर्दी कहती हैं कि भारत में हर चाय वाला एक उद्यमी की तरह है।
- क्योंकि उनके अंदर एक बिजनेस स्पीरिट होता है।
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