नोटबंदी के मुद्दे पर हंगामें के चलते आज फिर राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष ने भारी विरोध और हंगामा करते हुए नोटबंदी को राष्ट्रविरोधी और किसान विरोधी करार दिया। विपक्ष के सांसद नोटबंदी के फैसले पर किसान विरोधी, गरीब विरोधी और सरकार नहीं चलेगी जैसे नारे लगाते उपसभाति की सीट के करीब पहुंच गए। इसके बाद कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
एक सुर में किसान की हालत पर विपक्ष बोला :
- हंगामें के दौरान विपक्ष नेता सीता राम येचूरी ने सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया।
- उन्होंने कहा कि आपको(केंद्र) स्वीकार करना पड़ेगा कि ये देशद्रोही निर्णय है।
- केंद्र सरकार ने देश के अन्नदाता (किसान) को इस फैसले से बर्बाद कर दिया है।
- वहीं बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि सरकार को अपने फैसले पर दूबारा सोचना चाहिए।
- ऐसा नहीं करने पर किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा।
- सरकार ने बड़े-बड़े धन्न सेठों को फायदा पहुंचा के लिए यह फैसला लिया है।
- मायावती ने नोटबंदी के जेपीसी जांच कराने की भी मांग की।
- आरजेडी अध्यक्ष शरद यादव ने बोला कि किसान को इस फैसले से नुकसान हुआ है।
- किसानों को बेहद कम कीमत पर धान बेचना पड़ा रहा है।
- केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवन ने इस पर कहा कि हमारे पास पर्याप्त खाद्यान्न है।
- इससे पहले लोकसभा में भी हंगामें के चलते 11.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
- केंद्र सरकार द्वारा नोटंबदी के फैसले को लागू किये हुए 31 दिन हो चुके है।
- इसके विरोध में राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष का हंगामा जारी है।
- जिसके कारण दोनों ही सदनों की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ रही है।
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