जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी या मुस्लिम समुदाय ही निवास नहीं करता है बल्कि यहाँ पर कई और ऐसे धर्म भी मौजूद हैं जिनके बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है. आपको बता दें कि घाटी में डोगरी, लद्दाखी व अन्य धर्म भी बसते हैं. परंतु यहाँ की सरकार द्वारा शिक्षा की दिशा में किये जाने वाले भेद-भाव को साफ़ देखा जा सकता है. जिसके तहत यहाँ सरकार द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया है. इस सर्कुलर के अनुसार घाटी के प्रत्येक स्कूल में अब उर्दू पढ़ाया जाना अनिवार्य कर दिया गया है.
सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों को नियम लागू करने के आदेश :
- जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा घाटी में एक सर्कुलर जारी किया गया है.
- बता दें कि इस सर्कुलर के अनुसार घाटी के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में एक नियम लागू किया जाना है.
- इस नियम के नुसार अब से सभी स्कूलों में उर्दू एक विषय की तरह पढ़ाया जाना अनिवार्य है.
- साथ ही कहा गया है कि आगामी सत्र 2017-18 से इस नियम को लागू किया जाना है.
- आपको बता दें कि इस सर्कुलर में यह भी बताया गया है कि कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को उर्दू की शिक्षा दी जायेगी.
- इसके साथ ही सभी स्कूलों को चेतावनी भी दी गयी है कि यदि इस नियम का पालन नहीं किया गया,
- तो यह एक दंडनीय अपराध माना जाएगा साथ ही ऐसा करने वाले को सज़ा दी जायेगी.
- गौरतलब है कि घाटी में वैसे ही हमेशा से छोटे-छोटे मामले तूल पकड़ लेते हैं.
- ऐसे में सरकार द्वारा इस तरह के नियमों का फरमान जारी किया जाना एक नए मुद्दे की ओर साफ़ इशारा कर रहा है.
- आपको बता दें कि घाटी में बच्चों की शिक्षण व्यवस्था पर आये दिन प्रहार किये जाते हैं.
- ऐसे में इस तरह का फरमान जारी किये जाने के बाद माना जा रहा है कि यह मुद्दा तूल पकड़ सकता है.
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