देश के उत्तराखंड राज्य में पिछले कई दिनों से चल रही सियासी उठापटक और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने सम्बन्धी फैसलों पर नैनीताल हाई कोर्ट में सुनवाई जारी है। इसी सन्दर्भ में नैनीताल हाई कोर्ट की बेंच ने केंद्र सरकर पर सख्त टिपण्णी की।
हाई कोर्ट ने कहा:
- उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने के सन्दर्भ में नैनीताल हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार पर सख्त टिपण्णी की, हाई कोर्ट ने कहा,
- “आप राष्ट्रपति शासन हटाकर किसी किसी और को सरकार बनाने के लिए बुलाते हैं तो ये न्याय के साथ मजाक होगा”।
- उन्होंने कहा, ये तकलीफदेह, केंद्र सरकार कोर्ट के साथ खेल रही है।
- टिप्पणियों का मामला पिछले कुछ दिनों से जारी।
- कल कोर्ट ने कहा था, “राष्ट्रपति कोई राजा नहीं हैं, उनका फैसला बदला जा सकता है”।
- कोर्ट ने ये भी कहा, “राज्य में कोई संवैधानिक समस्या का जिक्र नहीं।
- राष्ट्रपति शासन पर कोर्ट का फैसला कुछ ही देर में आएगा।
राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश:
उत्तराखंड में सियासी संकट पर नैनीताल हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। राज्य में राष्ट्रपति शासन को हटाने का आदेश दे दिया गया है। अब भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को विश्वासमत हासिल करने का मौका दिया जायेगा।
भाजपा और कांग्रेस ने तलब किया अपने विधायकों को:
उत्तराखंड में सियासी उथल-पुथल के बाद हाई कोर्ट ने राज्य से राष्ट्रपति शासन को हटाने का फैसला सुनाया है। जिसके बाद से प्रदेश की दोनों बड़ी पार्टी भाजपा और कांग्रेस में विश्वासमत हासिल करने की होड़ मच गयी है। दोनों ही पार्टियों ने अपने अपने विधायकों को तलब किया है और सभी को जल्द से जल्द देहरादून पहुँचने के निर्देश दिए गए हैं।
विश्वासमत हासिल करने के लिए फ्लोर टेस्ट 29 अप्रैल को किया जायेगा।