विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) में 52 सालों में पहली बार अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के लिए चुनाव कराया जाएगा. माना जा रहा है कि इस चुनाव के बाद वीएचपी में कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया की हैसियत कम होनी तय है. आगामी 14 अप्रैल को गुरुग्राम में होने वाली वीएचपी संगठन के कार्यकारी बोर्ड की बैठक में इन्हें हटा दिया जाएगा. इस बैठक में संघ के बड़े अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. तोगड़िया के सरकार विरोधी बयानों और पीएम नरेंद्र मोदी से विवाद के बाद आरएसएस ने यह फैसला लिया है.
RSS की पसंद का होगा अगला VHP अध्यक्ष:
विश्व हिंदू परिषद 52 सालों में पहली बार अपने अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के लिए चुनाव करवाने जा रहा है. इस पद के लिए दो उम्मीदवार मैदान में हैं. एक तरफ प्रवीण तोगड़िया के खास माने जाने वाले वर्तमान अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष राघव रेड्डी हैं तो दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश के पूर्व गवर्नर एवं मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व जज विष्णु सदाशिव कोकजे मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं. इन दोनों में जो जीतेंगे वह प्रवीण तोगड़िया की जगह वीएचपी के नए अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष चुनेंगे.
यह चुनाव 14 अप्रैल को गुरुग्राम में होगा. इससे पहले अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए पिछले साल 29 दिसंबर को भुबनेश्वर में वीएचपी के सदस्यों की बैठक हुई थी. इस बैठक में किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई थी. इस बार भी वही दोनों उम्मीदवार आमने-सामने हैं.
इन दोनों में से जो भी चुनाव जीतेगा वह वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया की जगह लेगा. तोगड़िया पिछले कुछ सालों में परिषद का चेहरा बनकर उभरे हैं. आरएसएस के हिंदुत्व एजेंडे में तोगड़िया की भूमिका के लिहाज से चुनाव के फैसले ने आरएसएस, वीएचपी और बीजेपी के बीच दरार को उजागर कर दिया है.
तोगड़िया करेंगे राघव रेड्डी का समर्थन:
तोगड़िया रेड्डी का समर्थन करेंगे जो अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर अपनी लगातार तीसरी पारी के लिए चुनाव में खड़े हैं. वीएचपी में अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष को परिषद के सदस्य मतदान की प्रक्रिया से चुनते हैं जबकि अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का चयन निर्वाचित अध्यक्ष करता है. रेड्डी ने दोनों बार तोगड़िया को चुना है.
वीएचपी के जॉइंट जनरल सेक्रेटरी सुरेंद्र जैन ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए 14 अप्रैल को गुरुग्राम में चुनाव होने जा रहा है. इस पद के लिए राघव रेड्डी और वीएस कोकजे के बीच मुकाबला है. पिछली बार आम सहमति नहीं बन पाई थी, इस प्रक्रिया को पूरी करने के लिए हम दोबारा बैठक कर रहे हैं.’
तोगड़िया ने कोकजे की उम्मीदवारी पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि वह रेड्डी का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा, ‘रेड्डी युवा हैं, हिंदुत्व के लिए समर्पित हैं और उन्हें अशोक सिंघल ने चुना है. अगर कोकजे चुने जाते हैं तो यह तय है कि मैं कैबिनेट में नहीं रहूंगा.’ उन्होंने आगे कहा, ‘यह चौंकाने वाला है कि जो व्यक्ति एक संवैधानिक पद पर रह चुका है वह एक सामाजिक-धार्मिक संगठन के चुनाव में खड़ा हो रहा है. वह 20 साल पहले पद से रिटायर हुए और उन्होंने हिंदुत्व के लिए कभी कुछ नहीं किया. फिर वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं.’
राजनीतिक दवाब के कारण हो रहे हैं चुनाव:
पिछले कुछ समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रवीण तोगड़िया के बीच कई मुद्दों पर टकराव की खबरें आती रही हैं. हालांकि तोगड़िया ने सार्वजनिक मंच से पीएम मोदी को लेकर कभी भी कुछ नहीं कहा है. तोगड़िया अयोध्या में राम मंदिर बनने में हो रही देरी को लेकर मौजूदा बीजेपी सरकार को कोसते रहे हैं.
तोगड़िया के मुताबिक वीएचपी पर राजनीतिक दबाव की वजह से चुनाव कराना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, ’52 सालों में मैं पहली बार वीएचपी में चुनाव होते देख रहा हूं. ऐसा करने के लिए वीएचपी पर राजनीतिक दबाव है.’