देश की समुद्री सीमा की सुरक्षा करने के संकल्प के साथ ही आज दिल्ली में एडमिरल सुनील लांबा ने नए नौसेना प्रमुख के रूप पदभार ग्रहण कर लिया है। एडमिरल सुनील लांबा पूर्व एडमिरल आर के धवन के बाद नौसेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली है। इसके साथ ही एडमिरल धवन सेवानिवृत्त हो गए। नेविगेशन एवं डायरेक्शन के विशेषज्ञ के तौर पर पहचान रखने वाले सुनील लांबा अगले तीन साल के लिए नौसेना प्रमुख नियुक्त किये गए हैं।
एडमिरल सुनील लांबा नेविगेशन और डायरेक्शन के विशेषज्ञ के तौर पर जाने जाते हैं। उनके 30 साल लम्बे सेवा काल में परिचालन संबंधी सेवाओं का अच्छा अनुभव रहा है।
इससे पहले लांबा परम विशिष्ट सेवा मेडल सहित सेना के कई अन्य पदकों से भी सम्मानित हैं।
डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के पूर्व छात्र लांबा नौसेना प्रमुख बनने वाले 21वें भारतीय हैं। उनसे पहले के दो नौसेना प्रमुख ब्रितानी थे।
उन्हें आईएनएस मुंबई, आईएनएस हिमगिरी, आईएनएस सिंधुदुर्ग (कवरत्ति), आईएनएस रणविजय आईएनएस दौनागिरी, पर नेविगेशन ऑफिसर के तौर पर कार्य का अनुभव है।
वह इससे पहले मुंबई स्थित पश्चिमी कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ थे। और फरवरी 2016 में उन्होंने पश्चिमी कमान के प्रमुख का पद संभाला था।
मालूम हो कि सुनील लांबा का नाम पिछले कई महीने से नए नौसेना प्रमुख के तौर पर चल रहा था।
भारतीय नौसेना की कमान संभालने के बाद लांबा ने कहा कि ‘विश्व की सबसे अच्छी नौसेनाओं में शामिल भारतीय नौसेना की कमान संभालना, मेरे लिए वास्तव में सम्मान और सौभाग्य की बात है ।’
उन्होंने कहा, ‘नौसेना में सेवाएं देने वाले सभी पुरूष एवं महिलाएं देशभक्त हैं और पेशेवर तौर पर प्रशिक्षित और प्रतिबद्ध हैं।
नौसेना एडमिरल ने बताया कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि हमारे राष्ट्रीय हितों को किसी भी तरह का नुकसान न हो और राष्ट्रीय हितों की रक्षा की जाए।’