उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शिक्षा के महत्व पर बल देते हुए कहा कि अगर देश में अब भी निरक्षरता है, तो ‘स्वराज’ निर्थक है।
‘अभी काफी कुछ हासिल करना बाकी’-
- अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित किया।
- इस दौरान उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि हालांकि देश 1947 में आजाद होने के बाद से काफी आगे बढ़ चुका है, जब आबादी का केवल 18 प्रतिशत हिस्सा ही साक्षर था।
- लेकिन देश अभी हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठ सकता क्योंकि अभी काफी कुछ हासिल करना बाकी है।
- उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘यह शर्मनाक है कि देश के 19 प्रतिशत लोग अब भी अशिक्षित हैं।’
- आगे कहा, ‘अगर देश में निरक्षरता है तो लोकतंत्र, विकास, स्वराज..का कोई अर्थ नहीं है।’
- उन्होंने कहा, ‘निरक्षरों को शिक्षित करना हमारा दायित्व है।
- उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘हम एक कल्याणकारी समाज नहीं कह सकते, जब तक देश का हर नागरिक साक्षर न हो जाए।’
- साथ ही कहा कि शिक्षा लोगों को सरकारी नीतियों को समझने और भ्रष्ट्राचार से लड़ने में मदद करती है।
- समारोह में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और सत्यपाल सिंह भी मौजूद थे।
यह भी पढ़ें: अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस : जन-जन तक पहुँचे ज्ञान
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें