विश्व हिंदू परिषद के संस्थापक अशोक सिंघल ही वो शख्सियत थे, जिन्होंने देश और विदेश में विश्व हिंदू परिषद को एक नई पहचान दिलाई। सिंघल का जन्म 27 सितंबर 1926 को आगरा के एक कारोबारी परिवार में हुआ था। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
- हिन्दुत्व को एकजुट करने के लिए 1984 में धर्मसंसद के आयोजन में अशोक सिंघल ने ही मुख्य भूमिका निभाई थी।
- दलितोत्थान के लिये काम करने वाले सिंघल ने दलितों के लिये सैकड़ों मंदिरों का निर्माण कराया।
- जब-जब राम मंदिर आंदोलन की बात होगी तब तब वीएचपी के संरक्षक अशोक सिंघल का नाम भी आएगा।
- हिंदुत्ववादी संगठन विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक का 89 वर्ष की उम्र में 17 नवंबर 2015 में निधन हो गया।
- वह गुड़गांव के मेदांत अस्पताल में भर्ती थें।
- वे पिछले कुछ दिनों से सांस की तकलीफ के चलते वेंटिलेंटर पर थे।
- इससे पहले जब भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे थे, तो सिंघल ने कहा कि “मैं अभी ठीक हूं, मुझे कुछ नहीं हुआ है। अभी तो अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाना है।”
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संघ में रहकर तय किया मील का पत्थरः
- उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
- अपने ग्रेजुएशन के समय ही सिंघल आरएसएस के संपर्क में आए और फिर प्रचारक बन गए।
- प्रचारक रहते हुए उन्होंने कई प्रदेशों में संघ के लिए काम किया। वह सरसंघचालक गुरू गोलवलकर से काफी प्रभावित थें।
- 1948 में संघ पर प्रतिबंध लगा, तो अशोक सिंघल सत्याग्रह कर जेल गए।
- प्रचारक जीवन में लंबे समय तक वो कानपुर रहे।
- 1975 से 1977 तक देश में आपातकाल और संघ पर प्रतिबंध रहा।
- इस दौरान अशोक इंदिरा गांधी के विरुद्ध हुए संघर्ष में लोगों को जुटाते रहे।
- आपातकाल के बाद वो दिल्ली के प्रांत प्रचारक बनाए गए।
- 1981 में उन्हें विश्व हिंदू परिषद में भेज दिया गया।
- देश में विश्व हिंदू परिषद की पहचान कायम करने का श्रेय सिंघल को ही जाता है।
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अपने फैसलों पर अडिग थें सिंघलः
- सिंघल ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए अनशन भी किया था।
- अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान वे अयोध्या में राम मंदिर की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे थे।
- अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास के बाद अशोक सिंघल ने राम मंदिर आंदोलन को हिंदुओं के सम्मान से जोड़ा।
- सिंघल ने देश भर में आंदोलन के लिए लोगों को एक जुट किया।
- इस दौरान वाजपेयी के आदेश पर फोर्स फीडिंग कराई गई थी।
- वाजपेयी ने उस समय संसद में एक सवाल के जवाब में कहा था, “हमें उनके (सिंघल के) स्वास्थ्य की चिंता थी।
- डॉक्टरों की सलाह पर हमने फोर्स फीडिंग करने का आदेश दिया।
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