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भोपाल: हेड कांस्टेबल रमाशंकर की मौत ने पीछे छोड़े कई सवाल!

भोपाल एनकाउंटर अपने पीछे कई सवाल उठा रहा है लेकिन इन सबसे अलग एक सवाल है जो बहुतों की नजर में चुभ रहा है. ये सवाल है हेड कांस्टेबल रमाशंकर की मौत का सवाल! भोपाल एनकाउंटर पर एक वीडियो आने के बाद से एनकाउंटर को लेकर तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं.

लेकिन जो बातें पुलिस और राज्य सरकारें कह रही हैं उसके आधार पर रमाशंकर की हत्या जेल प्रशासन की भारी लापरवाही का नतीजा है. अब जबकि इसपर कोई बड़ा कदम उठाते नही दिख रही है सरकार तो ये लाजिमी है कि सवाल पूछे जायेंगे. ये सवाल इसलिए जायज हैं क्योंकि मामला एक पुलिसकर्मी के शहीद होने का है. ये सवाल इसलिए भी जायज है क्योंकि जिन जेलों में खतरनाक आतंकियों को रखा जाता है, वहां कि सुरक्षा व्यवस्था कैसी है. इस सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को दुरुस्त करने की जरूरतों ने बड़ी बहस छेड़ दी है.

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जेल प्रशासन क्यों निष्क्रिय था:

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एनकाउंटर फर्जी है या सही इसको लेकर चर्चाएँ अलग है. लेकिन रमाशंकर यादव की मौत से क्या कुछ सामने आया है, इसपर गौर करना जरुरी है.

किसकी लापरवाही का नतीजा है रमाशंकर यादव की मौत?

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इस लापरवाही का जिम्मेदार जेल प्रशासन ही है या कोई और. लेकिन बर्खास्तगी के अलावा किसी बड़ी कार्यवाई की तरफ अभी मामला बढ़ता नही दिख रहा है. सरकार खुलकर ये भी नहीं स्वीकार कर रही है कि जेल प्रशासन का सुरक्षा इंतजामों में लापरवाही ने रमाशंकर की जान ले ली. एनकाउंटर में आतंकियों के मारे जाने के बाद पुलिस ने रमाशंकर की मौत का शायद बदला भी ले लिया। लेकिन सही मायने में उन चेहरों की पहचान होनी चाहिए जो जेल में इस प्रकार की अनियमितता का खेल खेल रहे है।

 

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