नई दिल्ली। कोरोना महामारी को लेकर पूरे देश में लाक डाउन है वही लॉकडाउन में स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी पूरी तरह से बंद है। ऐसे में विश्वविद्यालयों के लिए सबसे बड़ी समस्या छात्रों के एग्जाम को लेकर है। हालांकि इसी बीच यूजीसी ने आखिरकार फैसला ले लिया है। जहा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कहा है कि ग्रेजुएशन के फर्स्ट ईयर का एकेडमिक कैलेंडर 1 सितंबर 2020 से शुरू होगा जबकि ग्रेजुएशन में द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्रों के लिए एकेडमिक कैलेंडर 1 अगस्त से शुरू होगा अगले साल 26 मई से 25 जून के बीच परीक्षाएं होंगी 1 जुलाई से 30 जुलाई के बीच गर्मियों की छुट्टियां होगी यूजीसी ने बताया कि अगले साल का सेसन 1 अगस्त 2021 से  शुरू होगा।

परीक्षाओं और शैक्षिक कार्यक्रम के लिए दिशा-निर्देश।

आयोग ने परीक्षाओं और शैक्षिक कार्यक्रम के लिए दिशा-निर्देश में कहा है कि अंतिम सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षा जुलाई में आयोजित की जा सकती है यूजीसी ने कहा है, ‘‘बीच के सत्र के छात्रों को पूर्व और मौजूदा सेमेस्टर के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर ग्रेड दिए जाएंगे यूजीसी ने विश्वविद्यालयों से कहा कि वे कम समय अवधि में इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए वैकल्पिक और सरलीकृत तरीके और परीक्षा के तरीकों को अपनाएं। जिससे कि वक्त की बचत हो सके।

परीक्षाओं के कुशल और नए तरीके अपनाने की भी सलाह।

विश्वविद्यालयों ने 3 से 2 घंटे तक के समय को कम करके परीक्षाओं के कुशल और नए तरीके अपनाने की भी सलाह दी, जिन राज्यों में कोरोना वायरस की स्थिति सामान्य हो चुकी है वहां जुलाई के महीने में परीक्षाएं होंगी आयोग ने कहा है,‘‘एमफिल, पीएचडी छात्रों को छह महीने का और समय मिलेगा और साक्षात्कार वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए होगा.’’ आयोग ने स्पष्ट किया है कि दिशा-निर्देश एक परामर्श की तरह है और विश्वविद्यालय कोविड-19 महामारी से जुड़े मुद्दों पर विचार करते हुए अपनी योजनाएं तैयार कर सकते हैं

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