सितंबर 2017 में भारतीय नौसेना के छह महिला अधिकारियों की एक टीम ‘नविका सागर परिक्रमा’ नामक एक अभियान में दुनिया के भ्रमण पर निकली थी. यह काम आसान नहीं था क्योंकि पूरी दुनिया की यात्रा करने के पहली भारतीय महिला जलयात्रा थी. पर अब अपना लक्ष्य पूरा करके ये जाबाज महिला नाविकों की टीम सोमवार को वापस आने वाली हैं.

8 महीनों बाद सोमवार को भारतीय बंदरगाह पर पहुचेंगी नौसेना नाविक:

बता दे कि आज से 8 महीने पहले भारतीय नौसेना की 6 महिला अधिकारियों की टीम जल यात्रा पर निकली थी. इससे पहले इन महिला अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की.

जिसके बाद नौसेना के 17 मीटर लंबे और 5 मीटर चौडें भारतीय पोत जहाज INSV तारिणी से रवाना हुई थी.

अब एक नया कीर्तिमान बनाते हुए अपनी यात्रा पुर्री करते हुए ये महिलाएं भारतीय तट से कुछ किलोमीटर दूर है और बहुत जल्द अपने देश व अपने घर आने वाली हैं.

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सोमवार की शाम को भारतीय महिलाओं के भारतीय तट पर पहुँचते ही यह एक एतिहासिक दिन बन जायेगा. क्योंकि नविका सागर परिक्रमा न पूरी करने वाली केवल दुनिया की पहली भारतीय टीम नहीं बल्कि, दुनिया की पहली महिला मिलिट्री टीम भी होगी.

गौरतलब है कि यह पूरी तरह से एक स्वदेशी योजना है जिसपर हर भारतीय को उनकी उपलब्धि पर गर्व होगा.

इतिहास रच कर लौट रही भारतीय महिला:

भारतीय सागर में पहुँचते ही इन महिला नाविकों से सम्पर्क हो सका. जिसमें 29 साल की टीम लीडर लेफ्टिनेंट सीडीआर वर्तिका जोशी ने सम्पर्क करते हुए कहा, “महिलाओं अधिकारियों द्वारा महासागर की यात्रा का एक लंबा सफर तय करने के बाद हम भारत आ रहे है. रास्ता अभी लंबा है।

यहां तक ​​​​पहुंचने के लिए हमने प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत की है। यात्रा निश्चित रूप से पथभ्रष्ट थी पर हमे आशा है कि इससे कई और लोगों को उम्मीदें मिलेंगी। इस यात्रा का महत्व इस बात से साफ़ है कि प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री ने खुद इस यात्रा का समर्थन किया है. ”

वहीं घर आने की उत्सुकता और इतिहास बनाने की ख़ुशी के साथ इस यात्रा की टीम सदस्य मणिपुर की लेफ्टिनेंट एस विजया देवी ने कहा, “इतिहास बनाने के बारे में सोच कर ही मुझे गर्व महसूस हो रहा है. मैं भारतीय नौसेना की आभारी हूं कि मुझे यह साबित करने का अवसर मिला।

उन्होंने यह भी कहा, “मैं आठ महीनों के बाद हमारी मातृभूमि तक पहुंचने के बारे में सोच सोच कर बहुत उत्साहित हो रही हूँ. घर जैसी कोई जगह नहीं है और मुझे खुशी है कि मैं अपने प्रियजनों के fir rah सकुंगी. ”

इन छह भारतीय नौसेना महिला अधिकारियों ने 21,600-समुद्री मील (लगभग 40,000 किमी) यात्रा पूरी की है. यह अभियान 6 अलग-अलग चरणों में, चार महाद्वीपों, तीन महासागर, कैप्स के दक्षिण से होता हुआ पिछले आठ महीनों में दो बार भूमध्य रेखा पार करते हुए पूरा हुआ.

इस तरह के एक पल के बारे में बात करते हुए एक और टीम के सदस्य लेफ्टिनेंट सीडीआर प्रतिभा जामवाल ने कहा, “मौसम हमेशा सबसे बड़ी चुनौती रहा है। हवा हमारे लिए एक बड़ी मुश्किल बनी. ”

भारतीय नौसेना की 6 महिला नाविक हुई थी रवाना: 

उन्होंने बताया कि केप हॉर्न को पार करने से पहले, जिसे समुद्री यात्रियों के एवरेस्ट के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने एक तूफान का सामना करना पड़ा, जिसने 140 केएमपीएच की हवाएं और 10 मीटर ऊंची लहर का सामना करना पड़ा था.

मूसलाधार वर्षा हो रही थी। पूरी टीम 24 घंटों तक जगी थी। जबकि दो सदस्य नाव को चलाने की कोशिश कर करते हुए व्हील के पास बैठे थे, इसके अलावा एक स्टैंडबाय पर था. और बाकी सभी भीगे कपड़ों को सूखने की कोशिश  में लगी थी.

उस दिन इन जाबाज नाविक महिलों ने असली टीम भावना देखी और उसी टीम के बल पर अब ये इतिहास रच कर वापस आ रही हैं.

इन आठ महीनों के दौरान, टीम ने पांच अलग-अलग देशों में पांच बंदरगाहों पर पांच स्टॉपओवर बनाए और कई विदेशी मंचों पर बात की। इन देशों में रहने वाले भारतीय हमारी नाविक महिलाओं का स्वागत करने के लिए बड़ी संख्या में मौजूद थे।

बहरहाल सोमवार तक भारतीय नौसेना की ये 6 महिलाओं की टीम गोवा के बंदरगाह तक पहुँच जाएँगी.

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