पुस्तकों को इंसान का सबसे अच्छा दोस्त माना जाता है। आज पूरे विश्व में पुस्तक दिवस यानी बुक डे मनाया जा रहा है। इस मौके पर हम चर्चा करने जा रहे है कुछ ऐसी पुस्तकों के बारे में जिसने भारतीय साहित्य को एक अलग आयाम तो दिया ही है साथ ही भारतीय पाठकों के दिल में खास जगह बनाई है।
मालगुडी डेज-
- ‘मालगुडी डेज‘ धारावाहिक को लोग आज तक नहीं भूल पाए है।
- आर. के. नारायण की ‘मालगुडी डेज‘ लघु कथाओं की संग्रह थी जिसे 1943 में इंडियन थॉट पब्लिकेशन ने प्रकाशित किया था।
- आर. के. नारायण की ‘मालगुडी डेज‘ किताब पर आधारित यह धारावाहिक खासा लोकप्रिय हुआ था।
- ‘मालगुडी डेज‘ के द्वारा आर. के. नारायण ने भारतीय साहित्य को एक नया आयाम दिया।
गोदान-
- मुंशी प्रेमचंद की ‘गोदान‘ को आधुनिक भारतीय साहित्य की सबसे बेहतरीन उपन्यासों में से एक है।
- ‘गोदान‘ मुंशी प्रेमचंद की अंतिम और सर्वोत्तम कृति है।
- इसमें भारतीय ग्रामीण समाज एवं वातावरण का जीवंत चित्रण है।
- प्रेमचंद का उपन्यास गोदान केवल हिंदी साहित्य में ही नहीं बल्कि संपूर्ण भारतीय साहित्य में मील का पत्थर है।
- मुंशी प्रेमचंद की इस सर्वश्रेष्ठ कृति पर फिल्म और धारावाहिक भी बन चुकें हैं।
चंद्रकांता-
- हिंदी साहित्य में ‘चंद्रकांता‘ की एक अलग ही पहचान है।
- देवकी नंदन खत्री के काल्पनिक उपन्यास ‘चंद्रकांता‘ ने सबका मन मोह लिया।
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ये उपन्यास हिंदी के प्रसिद्धि उपन्यासों में से एक है।
- इसे एक धारावाहिक के रूप में भी रूपांतरित किया जा चुका है।
- ‘चंद्रकांता‘ को आधुनिक हिन्दी भाषा की सबसे पहली गद्य रचनाओं में से एक माना जाता है।
द गाइड-
- आर. के. नारायण की उपन्यास ‘द गाइड‘ को देश-विदेश में ज़बरदस्त सराहना मिली थी।
- यह पद्मविभूषण आर. के. नारायण की दार्शनिक उपन्यास है।
- ‘द गाइड‘ एक सामान्य टूर गाइड राजू के आध्यात्मिक गुरू बनने की कहानी है।
- इस उपन्यास के लिए आर. के. नारायण को साहित्य अकादमी अवार्ड सा सम्मनित किया गया।
- इस उपन्यास पर एक फिल्म भी बनी है जिसमे देव आनंद में मुख्य भूमिका निभाई थी।
गुनाहों का देवता-
- धर्मवीर भारती का हिंदी उपन्यास गुनाहों के देवता हिंदी साहित्य जगत की सर्वाधिक पढ़े जाने वाली उपन्यासों में से एक है।
- धर्मवीर भारती की मर्मस्पर्शी रचना ‘गुनाहों का देवता‘ 1949 में प्रकशित हुई थी.
- ‘गुनाहों का देवता‘ के प्रति पाठकों का सम्मोहन हिन्दी साहित्य-जगत की एक बड़ी उपलब्धि है।
- हिन्दी साहित्य के दिग्गज इस उपन्यास को पात्रों के चरित्र -चित्रण के लिहाज से हिन्दी में लिखे हुये सर्वश्रेष्ठ उपन्यासों में से एक मानते हैं ।