5 जून, 2018 को आयोजित विश्व पर्यावरण दिवस 2018 का वैश्विक मेज़बानी भारत कर रहा है। “प्लास्टिक प्रदूषण को हराएं” विषय के साथ, एक बार उपयोग में आने वाले प्लास्टिक से निपटने के लिए पूरी दुनिया एक जुट हो रही है। जितनी देर में हार्दिक पंड्या एक ओवर फेंकते हैं, उतनी ही देर में चार ट्रक के बराबर प्लास्टिक का कचरा महासागर में बहा दिया जाता है।
डॉ. हर्षवर्धन, पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, और एरिक सोलहाइम, संयुक्त राष्ट्र उपमहासचिव और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण के प्रमुख, ने संयुक्त रूप से घोषणा की कि भारत विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2018 को अंतर्राष्ट्रीय समारोह की मेज़बानी करेगा।
“प्लास्टिक प्रदूषण को हराएं”
विश्व पर्यावरण दिवस 2018 का विषय, “प्लास्टिक प्रदूषण को हराएं” रखा गया है। सरकारों से, उद्योग जगत से, समुदायों और सभी लोगों से अपील की जा रही है कि वे साथ मिलकर स्थाई विकल्प खोजें और एक बार उपयोग में आने वाले प्लास्टिक के उत्पादन और उपयोग को जल्द से जल्द रोकें। क्योंकि यह हमारे महासागरों को प्रदूषित कर रहा है। समुद्री जीवन को नष्ट कर रहा है और मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गया है।
डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि इस वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस की मेज़बानी को लेकर भारत उत्साहित है। भारतीय दर्शन और जीवनशैली हमेशा से प्रकृति के साथ सह अस्तित्व के सिद्धांत पर केंद्रित रहे हैं। हम पृथ्वी ग्रह को अधिक साफ-सुथरा और हरा-भरा बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं”।
हरियाली से जुड़ा प्रतिदिन करें एक अच्छा काम
उन्होंने यह भी कहा कि हरियाली की सामाजिक जिम्मेदारी को निभाते हुए, अगर हर कोई प्रतिदिन हरियाली से जुड़ा कम से कम एक अच्छा कार्य करता है तो अपने ग्रह पर हरियाली के अरबों अच्छे कार्य होंगे।
भारत सरकार विश्व पर्यावरण दिवस का समारोह आयोजित करने तथा प्रोत्साहित करने के क्रम में ढेर सारी रुचिकर गतिविधियां और कार्यक्रम आयोजित कर रही है। जिनमें लोगों की भारी रुचि और भागीदारी देखने को मिल रही है। संपूर्ण भारत में सार्वजनिक जगहों, राष्ट्रीय उद्यानों और जंगलों से प्लास्टिक की सफाई और साथ ही साथ समुद्र तटों की सफाई जैसे अभियानों का उदाहरण पेश किया। कहा कि भारत ने अपनी जिम्मेदारी के रूप में इस पहल की शुरूआत की है।
शानदार मेज़बानी करेगा भारत
“भारत 2018 के विश्व पर्यावरण दिवस की शानदार मेज़बानी करेगा,”एरिक सोलहाइम ने सोमवार को घोषणा के दौरान कहा।
उन्होंने कहा: “(भारत) देश ने जलवायु परिवर्तन और कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था की ओर रुझान की आवश्यकता के मुद्दे पर वैश्विक नेतृत्व का प्रदर्शन किया है, और अब भारत प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ बड़ी कार्यवाही करने की दिशा में मदद करेगा। यह दुनिया भर के लिए संकटपूर्ण है और जीवन के हर पहलू को प्रभावित कर रहा है। यह हमारे पीने के पानी में और हमारे भोजन में मौजूद है। यह हमारे समुद्र तटों और महासागरों को नष्ट कर रहा है। हमारे महासागरों और ग्रह को बचाने के लिए जोर लगाने का बीड़ा अब भारत उठाएगा।”
भारत एक अग्रणी के रूप में उभर कर सामने आ रहा है, जो इस तथ्य से भी उजागर होता है कि भारत की गिनती दुनिया में सर्वाधिक पुनःचक्रण दर वाले देशों में की जाती है। प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने में यह निर्णायक भूमिका निभा सकता है। विश्व पर्यावरण दिवस 2018 की मेज़बानी कर, भारत सरकार एक बेहद ज्वलंत मुद्दे के नेतृत्व का बीड़ा उठा रही है।
1972 में हुई थी इसकी शुरुआत
विश्व पर्यावरण दिवस संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण की अगुवाई में होने वाला विश्व स्तर का कार्यक्रम है, पर्यावरण को समर्पित यह इकलौता सबसे बड़ा समारोह, 5 जून को होता है और दुनिया भर के हजारों समुदायों द्वारा मनाया जाता है।
इसकी शुरुआत तो 1972 में हुई लेकिन यह लोगों के लिए एक वैश्विक मंच बन गया है और इसे पूरे विश्व में बड़े स्तर पर मनाया जाता है।
मुख्य रूप से, विश्व पर्यावरण दिवस हम सभी के लिए ऐसा दिन है जब हम अपने पर्यावरण का जिम्मा अपने हाथों में ले सकें और हमारी पृथ्वी की रक्षा करने के लिए सक्रियता से भागीदारी कर सकें।
प्लास्टिक प्रदूषण से जुड़े तथ्य:
- प्रत्येक वर्ष पूरी दुनिया में 500 अरब प्लास्टिक बैगों का उपयोग किया जाता है।
- हर वर्ष, कम से कम 8 मिलियन टन प्लास्टिक महासागरों में पहुंचता है, जो प्रति मिनट एक कूड़े से भरे ट्रक के बराबर है।
- पिछले एक दशक के दौरान उत्पादित किये गए प्लास्टिक की मात्रा, पिछली एक शताब्दी के दौरान उत्पादित किये गए प्लास्टिक की मात्रा से अधिक थी
- हमारे द्वारा प्रयोग किये जाने वाले प्लास्टिक में से 50% प्लास्टिक का सिर्फ एक बार उपयोग होता है।
- हर मिनट 10 लाख प्लास्टिक की बोतलें खरीदी जाती हैं
- हमारे द्वारा उत्पन्न किए गए कुल कचरे में 10% योगदान प्लास्टिक का होता है।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण के बारे में:
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण, पर्यावरण के मुद्दे पर अग्रणी वैश्विक आवाज़ है। यह राष्ट्रों और लोगों को आने वाली पीढ़ियों के जीवन से समझौता किए बगैर, उनके जीवन की गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रेरित करता है, जानकारी देता है और योग्य बनाता है। ऐसा करके यह पर्यावरण की देखभाल के लिए नेतृत्व प्रदान करता है और प्रोत्साहित करता है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण दुनिया भर में सरकारों, प्राइवेट सेक्टर, सिविल सोसाइटी और संयुक्त राष्ट्र की अन्य इकाईयों तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर काम करता है।