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कहते हैं कि प्रतिभा कभी भी किसी उम्र की मोहताज नहीं होती है, कभी-कभी बच्चे भी ऐसे कारनामें कर देते हैं जो कई बार बड़ों के सोच से परे होते हैं। कुछ ऐसे ही बच्चों के कारनामे हम आपको बताने जा रहे हैं जिन्होंने देश-विदेश में अपना लोहा मनवाया है।

कौटिल्य पण्डित (5 साल) हरियाणा :

'Google Boy' Kautilya

  • जिस उम्र में बच्चे एबीसी, कखग और नर्सरी कवितायें रटते है, उस उम्र में कौटिल्य के पास पूरी दुनिया का ज्ञान है।
  • 24 दिसंबर 2007 को जन्मे इस बच्चे ने असाधारण रूप से अपने मानव मष्तिष्क की क्षमता में कंप्यूटर को भी मात दे दी है।
  • हरियाणा के करनाल जिले के कोहंड़ गांव में जन्मे कौटिल्य पंडित को गूगल ब्वाय कहा जाता है।
  • विलक्षण प्रतिभावान कौटिल्य को हरियाणा सरकार ने 10 लाख रुपये का चेक व प्रशस्ति पत्र दिया है।

अगले पेज पर पढ़िए और भी हैं कौटिल्य जैसे नन्हें होनहार…

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निहाल (6 वर्ष) केरल :

nihal

  • जिस उम्र में बच्चे खेलना-कूदना सीखते हैं, उस उम्र में निहाल लाखों रुपयों की आमदनी कर रहे हैं।
  • केरल के रहने वाले निहाल उम्र में भले ही छोटे हैं लेकिन उनके पास हुनर ऐसा कि बड़ों-बड़ों को मात दे दें।
  • नन्हें निहाल के पास खाना बनाने का ऐसा हुनर है कि वह इससे एक दिन में लाखों रुपये कमाते हैं।
  • निहाल अपनी प्रतिभा को शो के जरिए पेश करते हैं और सोशल मीडिया पर भी काफी ट्रेंड मेंं रहते हैं।

अन्विता प्रशांत तेलांग (11 साल) पुणे :

google doodle anavita

  • जिस उम्र में बच्चों की पढ़ाई में इंटरनेट प्रारंभ होता है उस उम्र में अन्विता ने गूगल का डूडल बदल डाला।
  • पुणे की रहने वाली अन्विता प्रशांत तेलांग ने 11 साल की की उम्र में गूगल का ‘डूडल 4 गूगल’ कांटेस्‍ट जीता है।
  • डिजाइन किए गए डूडल को गूगल ने होमपेज पर 14 नवंबर 2016 को दिखाया था।

काव्या विग्नेश  (12 वर्ष) दिल्ली :

kavy-vignesh-honey-bee-robot

  • जैसे सभी बच्चे पढ़ाई से फुरसत मिलते ही खेलने चले जाते हैं, दिल्ली की काव्या भी खेलने जाती हैं।
  • उन्होंने खेलने के समय का सदुपयोग करते हुए रोबोट बना डाला।
  • जिसे काव्या अगले महीने डेनमार्क में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय रोबोटिक्स महोत्सव में अपने इस रोबोट को पेश भी करने वाली हैं।

मालावथ पूर्णा (13 साल) तेलंगाना :

malavath poorna

  • मालावथ पूर्णा दिखने में भले ही पूर्णा साधारण सी लग रही है लेकिन उसने जो काम किया है वह असाधारण है।
  • महज़ 13 साल और 11 महीने की उम्र में पूर्णा ने एवरेस्ट की चढ़ाई की।
  • ऐसा करने वाली वह देश की पहली और दुनिया की दूसरी लड़की बन गई है।
  • बता दें कि पूर्णा से पहले जॉर्डन रोमेरो ने यह कारनामा किया था।
  • पूर्णा के इसी हौसले से प्रेरित होकर अब उस पर एक फ़िल्म भी बनाई जा रही है।
  • पूर्णा की बायोपिक फ़िल्म का नाम ‘पूर्णा : लड़कियां कुछ भी कर सकती हैं’ है।

https://youtu.be/LRoowtgZCeU

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