इस्लामिक धर्म प्रचारक व IRF संस्थापक जाकिर नाइक की संस्था के खिलाफ चल रहे बैन के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. बता दें कि जाकिर नाइक द्वारा इस प्रतिबंध पर रोक के लिए याचिका दायर की गयी थी.
क्या है पूरा मामला :
- इस्लामिक धर्म प्रचारक जाकिर नाईक की संस्था IRF पर NIA द्वारा जांच बैठाई गयी थी.
- जिसके बाद इस संस्था पर छापेमारी की गयी थी, जिसके दौरान इस संस्था के सभी दस्तावेज़ जमा कर लिए गए थे.
- इसके अलावा NIA द्वारा जांच के लिए इस संस्था के सभी फ़ोन भी ज़ब्त कर लिए गए थे.
- जिसमे संस्था के CEO मनजूर शेख, बोर्ड ऑफ ट्रस्ट के मेंबर सहित जाकिर नाईक के भाई के मोबाइल भी शामिल थे.
- दरअसल NIA द्वारा नाइक के खातों पर लागातार नज़र रखी जा रही थी.
- जांच एजेंसी के अनुसार उनके 78 बैंक खाते हैं जिसमे काफी धनराशि जमा है.
- यही नहीं मुंबई व उसके आसपास रीयल एस्टेट में नाईक द्वारा कई निवेश किये गए हैं.
- बताया जा रहा है कि यह कम से कम 100 करोड़ रुपये के निवेश हैं जिसकी छानबीन की गयी है.
- एनआईए सूत्रों के अनुसार नाइक पर धर्म के आधार पर विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने,
- सद्भाव के विरूद्ध हरकतें करने के आरोप भी लग चुके हैं.
- जिसके तहत पिछले साल नाइक व अन्य के खिलाफ आतंकवाद निरोधक कानून के अधीन मामला दर्ज किया था.
- बाद में NIA द्वारा नाइक की संस्था पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया था.
- जिसके बाद ज्जाकिर नाइक ने इस प्रतिबंद को रोकने हेतु दिल्ली कोर्ट में याचिका दायर की थी.
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