आगरा : बाह विधानसभा सीट से 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रानी पक्षालिका सिंह [ Rani Pakshalika Singh ] ने शानदार जीत दर्ज की थी। भाजपा ने उन पर एक बार फिर भरोसा जताया था, जिसका परिणाम यह रहा कि जनता ने भी उनके प्रति विश्वास दिखाया और उन्हें दोबारा अपना जनप्रतिनिधि चुना।
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रानी पक्षालिका सिंह को भारी मतों से मिली जीत [ Rani Pakshalika Singh ]
रानी पक्षालिका सिंह ने अपने प्रतिद्वंद्वी सपा प्रत्याशी मधुसूदन शर्मा को 24,235 वोटों के अंतर से पराजित किया था। इस चुनाव में कुल प्राप्त वोटों की स्थिति इस प्रकार रही—
स्थान | उम्मीदवार | पार्टी | प्राप्त वोट |
---|---|---|---|
1 | रानी पक्षालिका सिंह | भाजपा | 78,360 |
2 | मधुसूदन शर्मा | सपा | 54,125 |
3 | नितिन वर्मा | बसपा | 50,618 |
4 | मनोज दीक्षित | कांग्रेस | 1,229 |
5 | नीरज करोरिया | आप | 959 |
– | नोटा | – | 1,837 |
– | अन्य निर्दलीय | – | शेष मत |
जनता का मिला भरपूर समर्थन
रानी पक्षालिका सिंह की मेहनत, पार्टी की रणनीति और जनता के बीच उनकी मजबूत पकड़ ने उन्हें यह बड़ी जीत दिलाई।
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बाह विधानसभा सीट: भदावर राजघराने का वर्चस्व और रानी पक्षालिका सिंह की जीत
बाह विधानसभा सीट, आगरा जिले की एक ऐसी सीट है जहां भदावर राजघराने का वर्चस्व दशकों से कायम है। इस सीट पर राजपरिवार के सदस्य ही विधायक चुने जाते रहे हैं, और यहां की राजनीति में जातिगत समीकरणों का असर कम ही दिखाई देता है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट से रानी पक्षालिका सिंह [ Rani Pakshalika Singh ] को अपना प्रत्याशी बनाया था, जो पहले समाजवादी पार्टी (सपा) में थीं। उनकी उम्मीदवारी को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने प्रखर विरोध किया था, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट दिया और उन्होंने जीत हासिल की।
भारतीय जनता पार्टी जिला आगरा के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष श्री प्रशान्त पूनियां जी को नवदायित्व के लिए बधाई एवं उज्ज्वल कार्यकाल हेतु शुभकामनाएं दीं।@myogiadityanath @kpmaurya1 @brajeshpathakup @jaiveersingh099 @Bhupendraupbjp @sunilbansalbjp @idharampalsingh @BJP4UP pic.twitter.com/20yNudMUSQ
— Rani Pakshalika Singh (@pakshalikasingh) March 18, 2025
भदावर राजघराने का इतिहास
बाह विधानसभा सीट पर भदावर राजघराने का प्रभुत्व लंबे समय से रहा है। महाराजा महेंद्र रिपुदमन सिंह इस सीट से चार बार विधायक रहे हैं। उनके पुत्र महाराजा अरिदमन सिंह भी अलग-अलग दलों के टिकट पर विधायक चुने गए। 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए विधानसभा चुनाव में महाराजा महेंद्र रिपुदमन सिंह ने चुनाव नहीं लड़ा था, और तब कांग्रेस के अमर चंद शर्मा विधायक बने थे। हालांकि, यह एक अपवाद था, क्योंकि इसके बाद से भदावर राजघराने का ही कोई सदस्य विधायक चुना जाता रहा है।
2007 में बसपा के मधुसूदन शर्मा ने महाराजा अरिदमन सिंह को हराया था, लेकिन 2012 के चुनाव में महाराजा महेंद्र अरिदमन सिंह सपा के टिकट पर विधायक बने। 2017 में वे भाजपा में शामिल हो गए, और पार्टी ने उनकी पत्नी रानी पक्षालिका सिंह को टिकट दिया।
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2017 का चुनाव और रानी पक्षालिका सिंह की जीत
2017 के विधानसभा चुनाव में रानी पक्षालिका सिंह [ Rani Pakshalika Singh ] ने बसपा के मधुसूदन शर्मा को हराया। उन्हें 80,570 वोट मिले, जबकि मधुसूदन शर्मा को 57,427 वोट मिले। सपा की अंशु रानी निषाद 46,885 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं। रानी पक्षालिका सिंह की जीत ने भदावर राजघराने के वर्चस्व को और मजबूत किया।
सामाजिक ताना-बाना
बाह विधानसभा सीट पर ठाकुर, ब्राह्मण और मल्लाह समुदाय के मतदाताओं की बहुलता है। हालांकि, यहां जातिगत समीकरणों का कोई खास असर नहीं दिखता, क्योंकि भदावर राजघराने का प्रभाव इतना अधिक है कि मतदाता उनके उम्मीदवार को ही वोट देते हैं।
इस क्षेत्र में चुनाव प्रचार का अनोखा अंदाज देखने को मिलता है। भदावर राजपरिवार के सदस्य गांवों में जाते हैं, जहां उनका सम्मान किया जाता है। इसके बाद एक व्यक्ति चुनावी जानकारी देता है कि इस बार राजघराने से कौन चुनाव लड़ रहा है। इसके बाद मतदाताओं से वादा किया जाता है कि वे राजघराने के उम्मीदवार को ही वोट देंगे, और सभा समाप्त हो जाती है।