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MLA Political Journey

आगरा की फतेहपुर सीकरी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक चौधरी बाबूलाल का राजनीतिक सफर

आगरा। चौधरी बाबूलाल, [ MLA Babulal ] फतेहपुर सीकरी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वर्तमान विधायक, एक अनुभवी राजनेता और जाट समुदाय के प्रमुख नेता हैं। उनका राजनीतिक सफर कई उतार-चढ़ाव से भरा रहा है, लेकिन उनकी लोकप्रियता और जनता के प्रति समर्पण ने उन्हें क्षेत्र में एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित किया है। 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने आरएलडी-सपा गठबंधन के प्रत्याशी बृजेश चाहर को 47,266 वोटों के भारी अंतर से हराकर जीत दर्ज की।

 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में फतेहपुर सीकरी सीट से चौधरी बाबूलाल ने जीत दर्ज की।

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प्रारंभिक जीवन और शिक्षा [ MLA Babulal ]

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राजनीतिक करियर की शुरुआत [ MLA Babulal ]

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लोकसभा चुनाव और भाजपा में प्रवेश

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2022 विधानसभा चुनाव: शानदार वापसी

जीत का महत्व: यह जीत न केवल भाजपा की मजबूत पकड़ को दर्शाती है, बल्कि चौधरी बाबूलाल की लोकप्रियता और क्षेत्र के विकास में उनके योगदान का भी प्रमाण है।

चुनाव परिणाम:

भाजपा प्रत्याशी चौधरी बाबूलाल: 1,12,092 वोट

आरएलडी-सपा गठबंधन प्रत्याशी बृजेश चाहर: 64,826 वोट

जीत का अंतर: 47,266 वोट


भाजपा ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए जारी की गई पहली सूची में आगरा की फतेहपुर सीकरी सीट पर वर्तमान सांसद राजकुमार चाहर और आगरा सुरक्षित सीट पर वर्तमान सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल को प्रत्याशी घोषित किया था। फतेहपुर सीकरी सीट से भाजपा के मौजूदा विधायक चौधरी बाबूलाल [ MLA Babulal ] के बेटे डॉ. रामेश्वर चौधरी ने चुनाव लड़ने के लिए दावेदारी की थी, लेकिन भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया था।

फतेहपुर सीकरी स्थित चौधरी रघुनाथ सिंह महाविद्यालय में डॉ. रामेश्वर चौधरी ने एक पंचायत बुलाई थी। इसमें उन्होंने बगावती तेवर दिखाते हुए भाजपा शीर्ष नेतृत्व से फतेहपुर सीकरी सीट पर प्रत्याशी के चयन पर पुनर्विचार करने की मांग की थी। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा था कि जनता जो चाहेगी, वही किया जाएगा। इसके बाद से फतेहपुर सीकरी सीट पर खेमेबाजी शुरू हो गई थी। पंचायत में यह भी कहा गया था कि पीएम मोदी और सीएम योगी से कोई बैर नहीं है, लेकिन प्रत्याशी चयन को लेकर रोष है।

इस पूरे मामले में डॉ. रामेश्वर चौधरी के पिता और फतेहपुर सीकरी से भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल ने कहा था कि उनके बेटे ने उनके खिलाफ भी फतेहपुर सीकरी से चुनाव लड़ने के लिए टिकट मांगा था। उन्होंने यह भी बताया था कि डॉ. रामेश्वर चौधरी 20 साल से अपने परिवार के साथ उनसे अलग रह रहे हैं और 30 साल से राजनीति में सक्रिय हैं। चौधरी बाबूलाल ने यह भी कहा था कि वह पंचायत में शामिल नहीं हुए थे।

फतेहपुर सीकरी सीट से विधायक बाबूलाल के बेटे रामेश्वर चौधरी शुरू से ही पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी का विरोध कर रहे थे।

भाजपा की ओर से रामेश्वर चौधरी को चुनाव न लड़ने की चेतावनी पहले ही दी गई थी। इसके बावजूद उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया।

इसके चलते पार्टी ने उनके खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए निष्कासन की कार्रवाई की। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने वीरवार को एक पत्र जारी कर यह निर्णय सार्वजनिक किया।

पार्टी नेतृत्व को जिला और क्षेत्र के कई पदाधिकारियों से शिकायत मिली थी कि रामेश्वर चौधरी पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। इन शिकायतों की पुष्टि होने के बाद भाजपा ने अनुशासनहीनता को गंभीरता से लेते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया।

बीजेपी विधायक चौधरी बाबूलाल का राजनीतिक सफर

चौधरी बाबूलाल का राजनीतिक सफर वाकई “आया राम-गया राम” प्रकार का रहा है। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में की थी। इसके बाद उन्होंने कई राजनीतिक दलों का दामन थामा और अपनी राजनीतिक पहचान बनाई।

शुरुआत में वे राष्ट्रीय लोकदल (RLD) में शामिल हुए, जहाँ उन्होंने अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत की। इसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जैसे दलों के साथ भी काम किया। हालांकि, उनका राजनीतिक सफर यहीं नहीं रुका। अंततः उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) का रुख किया और वर्तमान में फतेहपुर सीकरी विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक के रूप में कार्यरत हैं।

चौधरी बाबूलाल का यह राजनीतिक सफर उनकी लचीली और समयानुकूल रणनीति को दर्शाता है। उन्होंने विभिन्न दलों के साथ काम करके अपने क्षेत्र में एक मजबूत राजनीतिक पहचान बनाई है। हालांकि, उनके इस “आया राम-गया राम” वाले रवैये ने उन्हें कई बार विवादों में भी डाला है। फिर भी, उनकी राजनीतिक समझ और जनसंपर्क ने उन्हें फतेहपुर सीकरी की राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति बनाए रखा है।

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