बेबी रानी मौर्य का राजनीतिक सफर (Baby Rani Maurya Political Journey)
बेबी रानी मौर्य, उत्तर प्रदेश की आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विधायक हैं। वे अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय की एक प्रभावशाली नेता हैं, जिन्होंने अपनी सक्षम नेतृत्व क्षमता और सामाजिक कार्यों के माध्यम से राजनीति में महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
- जन्म: 15 अगस्त 1956, आगरा, उत्तर प्रदेश
- शिक्षा: आगरा विश्वविद्यालय से बीएड और एमए की डिग्री प्राप्त की।
- परिवार: उनका मायका बेलनगंज, आगरा और ससुराल करिअप्पा रोड, बालूगंज, आगरा में है।
राजनीतिक करियर की शुरुआत (Baby Rani Maurya Political Journey)
भाजपा में शामिल होने का निर्णय (1990)
- 1990 में बेबी रानी मौर्य ने भाजपा कार्यकर्ता के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की।
- अनुसूचित जाति समुदाय से होने के बावजूद, उन्होंने राजनीति में महिलाओं के लिए नया मार्ग प्रशस्त किया।
आगरा की पहली महिला मेयर (1995-2000)
- 1995 में आगरा की पहली महिला मेयर चुनी गईं।
- इस दौरान उन्होंने शहर के बुनियादी ढांचे और विकास कार्यों में योगदान दिया।
भाजपा संगठन में विभिन्न भूमिकाएँ (1997-2015) (Baby Rani Maurya Political Journey)
- 1997 में भाजपा की अनुसूचित जाति (एससी) शाखा की पदाधिकारी बनीं।
- 2001 में राज्य समाज कल्याण बोर्ड की सदस्य नियुक्त हुईं।
- 2002 में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य के रूप में महिलाओं के अधिकारों के लिए काम किया।
- 2013 से 2015 तक भाजपा की प्रदेश मंत्री की भूमिका निभाई।
चुनावी राजनीति में सफलता और असफलता (Baby Rani Maurya Political Journey)
- 2007 में भाजपा ने उन्हें एत्मादपुर विधानसभा सीट से टिकट दिया, लेकिन वे चुनाव हार गईं।
- 2018 में उत्तराखंड की राज्यपाल नियुक्त हुईं, जिससे उनका राजनीतिक कद और बढ़ा।
- 8 दिसंबर 2021 को राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए मैदान में उतरीं।
- 2022 में आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और 76,608 वोटों से जीत दर्ज की।
मंत्री पद और सरकारी जिम्मेदारियाँ
उत्तराखंड की राज्यपाल (2018-2021)
- 2018 में उत्तराखंड की पहली दलित महिला राज्यपाल बनीं।
- महिलाओं और अनुसूचित जाति के विकास के लिए कई पहल कीं।
- 2021 में राज्यपाल पद छोड़कर सक्रिय राजनीति में वापसी की।
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री (2022- वर्तमान) (Baby Rani Maurya Political Journey)
- 25 मार्च 2022 को मंत्री पद की शपथ ली।
- 28 मार्च 2022 को महिला कल्याण, बाल विकास और पुष्टाहार मंत्री का कार्यभार संभाला।
- महिलाओं और बच्चों के पोषण और कल्याण को प्राथमिकता देने के लिए विभिन्न योजनाएँ शुरू कीं।
क्या उन्होंने कभी पाला बदला?
- बेबी रानी मौर्य 1990 से भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्य रही हैं।
- उन्होंने कभी भी पार्टी नहीं बदली और भाजपा के प्रति अपनी निष्ठा बनाए रखी।
- पार्टी के लिए महिला सशक्तिकरण और अनुसूचित जाति के अधिकारों के लिए लगातार काम किया।
बेबी रानी मौर्य का राजनीतिक सफर (Baby Rani Maurya Political Journey) संघर्ष, मेहनत और सामाजिक सुधार का प्रतीक है।
- 1990 से भाजपा से जुड़कर पार्टी को मजबूत किया।
- उत्तराखंड की पहली दलित महिला राज्यपाल बनीं।
- 2022 में विधायक बनकर यूपी सरकार में मंत्री पद संभाला।
उनकी यात्रा महिला सशक्तिकरण, दलित उत्थान और सामाजिक न्याय के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
जानिए कैसा रहा यूपी की 403 विधायकों का राजनीतिक सफर
Get Constituency Wise Election Results of Lok Sabha Elections from 2009 till 2019
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश की खबरें, आपके शहर का हाल, वायरल न्यूज़ …पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें . लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए Uttar Pradesh News को Twitter पर फॉलो करें