उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में अलीगढ़ जिले की बरौली विधानसभा सीट से एमएलसी ठाकुर जयवीर सिंह [ Barauli MLA Jaiveer Singh ] ने शानदार जीत दर्ज कर अपनी राजनीतिक सूझबूझ और जनाधार का परिचय दिया। उन्हें जिले में सबसे अधिक मतों से जीत हासिल हुई, जिससे उन्होंने एक बार फिर खुद को अलीगढ़ की राजनीति के चाणक्य के रूप में साबित किया। यह उनकी तीसरी बार विधायक बनने की उपलब्धि थी।
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— Thakur Jaivir Singh (@JaivirThakur) December 8, 2022
राजनीतिक सफर की शुरुआत [ Barauli MLA Jaiveer Singh ]
ठाकुर जयवीर सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी। उन्होंने डीएस कॉलेज, अलीगढ़ में अध्ययन के दौरान छात्र संघ राजनीति में सक्रिय भाग लिया। इसके बाद वे वीपी सिंह आंदोलन में भी शामिल हुए और एक युवा नेता के रूप में उभरे।
2000 में, बसपा ने उन्हें अलीगढ़ जिले का अध्यक्ष बनाया, जिससे उनकी पहचान एक मजबूत क्षत्रिय नेता के रूप में बन गई। इसी दौरान, 2001 में चंडौस के जहराना गांव में पांच दलितों की हत्या ने प्रदेश की राजनीति को हिलाकर रख दिया था। इस घटना के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती और रामविलास पासवान ने दौरा किया था, और इसी दौरान जयवीर सिंह बसपा में शामिल हुए। 2002 में पार्टी ने उन्हें जिलाध्यक्ष नियुक्त किया और उनका राजनीतिक कद बढ़ता चला गया।
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बसपा से भाजपा तक का सफर [ Barauli MLA Jaiveer Singh ]
ठाकुर जयवीर सिंह की राजनीति में वकालत से एंट्री हुई। उन्होंने बसपा की टिकट पर बरौली विधानसभा से दो बार जीत दर्ज की और मायावती सरकार में दो बार कैबिनेट मंत्री भी बने। हालांकि, 2012 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद वे विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) बने।
2018 में उन्होंने बसपा छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा ने भी उनके अनुभव और राजनीतिक प्रभाव को देखते हुए उन्हें एमएलसी बनाया और 2022 में बरौली विधानसभा से टिकट दिया। जयवीर सिंह की रणनीति और पकड़ इतनी मजबूत थी कि करीब डेढ़ दशक तक जिला पंचायत की राजनीति उनके इशारे पर चलती रही।
चुनावी जीत और हार का रिकॉर्ड
- 2002: पहली बार बसपा से बरौली विधानसभा चुनाव लड़ा और ठा. दलवीर सिंह को हराकर विधायक बने। मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री बने।
- 2007: दूसरी बार बसपा से चुनाव जीता और दोबारा कैबिनेट मंत्री बने।
- 2012: बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। बाद में विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) बने।
- 2017: भाजपा की सरकार बनने के बाद बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए।
- 2018: भाजपा ने उन्हें एमएलसी बनाया।
- 2022: बरौली विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और सबसे अधिक मतों से जीत दर्ज की।
परिवार और राजनीतिक विरासत [ Barauli MLA Jaiveer Singh ]
ठाकुर जयवीर सिंह का परिवार भी राजनीति में सक्रिय रहा है।
- 2009 में उनकी पत्नी राजकुमारी चौहान लोकसभा सांसद चुनी गईं।
- 2016 में उनके भतीजे उपेन्द्र सिंह नीटू जिला पंचायत अध्यक्ष बने।
- उनके पुत्र डॉ. अरविंद कुमार सिंह बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं।
अलीगढ़ मंडल के गठन में भूमिका
ठाकुर जयवीर सिंह ने 2008 में अलीगढ़ को मंडल का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इस योगदान के कारण उन्हें जिले की राजनीति में एक बड़ा स्थान मिला। इसी के चलते बरौली विधानसभा को दो बड़े नेताओं की लड़ाई के रूप में देखा जाने लगा, जिसमें एक तरफ जयवीर सिंह और दूसरी तरफ ठा. दलवीर सिंह थे।
2012 और 2017 के विधानसभा चुनावों में जयवीर सिंह को ठा. दलवीर सिंह ने हराया, जिससे उनका राजनीतिक सफर कुछ समय के लिए कमजोर हुआ। लेकिन, 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद उन्होंने भाजपा में शामिल होकर अपनी राजनीतिक जमीन फिर से मजबूत की।
राजनीतिक रणनीति और भविष्य की तैयारी
ठाकुर जयवीर सिंह केवल अपने चुनावी प्रदर्शन पर ही नहीं बल्कि राजनीतिक उत्तराधिकार की तैयारी पर भी ध्यान दे रहे हैं।
- 2022 के चुनाव से पहले, उन्होंने अपने बेटे अभिमन्यु सिंह को राजनीति में आगे बढ़ाने की कोशिश की।
- वहीं, उनके पुराने प्रतिद्वंदी ठा. दलवीर सिंह अपने नाती अजय सिंह के लिए टिकट मांग रहे थे।
- लेकिन, इस मुकाबले में जयवीर सिंह ने बाजी मार ली और भाजपा से टिकट हासिल किया।
ठाकुर जयवीर सिंह [ Barauli MLA Jaiveer Singh ] उत्तर प्रदेश की राजनीति के एक अनुभवी और रणनीतिकार नेता हैं। उन्होंने बसपा और भाजपा दोनों पार्टियों में प्रभावशाली भूमिका निभाई और अपनी राजनीतिक सूझबूझ के कारण अलीगढ़ की राजनीति के ‘चाणक्य’ कहे जाने लगे। उनकी जीत और हार का सफर यह साबित करता है कि वे राजनीति में दृढ़ता, कूटनीति और जनाधार के दम पर लंबे समय तक प्रभाव बनाए रखने में सफल रहे हैं।
अलीगढ़ जिले के 7 विधायक का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर
क्रम संख्या | विधायक का नाम | पार्टी का नाम | विधानसभा क्षेत्र | जिला |
---|---|---|---|---|
1 | अनिल पाराशर | भारतीय जनता पार्टी | 75-कोइल | अलीगढ़ |
2 | जयवीर सिंह | भारतीय जनता पार्टी | 72-बरौली | अलीगढ़ |
3 | मुक्ता संजीव राजा | भारतीय जनता पार्टी | 76-अलीगढ़ | अलीगढ़ |
4 | रवेंद्र पाल सिंह | भारतीय जनता पार्टी | 74-छर्रा | अलीगढ़ |
5 | राजकुमार सहयोगी | भारतीय जनता पार्टी | 77-इगलास | अलीगढ़ |
6 | संदीप कुमार सिंह | भारतीय जनता पार्टी | 73-अतरौली | अलीगढ़ |
7 | सुरेंद्र डीलर | भारतीय जनता पार्टी | 71-खैर | अलीगढ़ |