भाजपा की प्रमुख नेता और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुकीं अर्चना पांडेय का जन्म 5 जुलाई 1960 को कन्नौज जिले के गाँव उधरनपुर (हरिबल्लभपुर) में हुआ। उनके पिता, स्वर्गीय श्रीरामप्रकाश त्रिपाठी, उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक प्रख्यात व्यक्तित्व थे और पूर्व सहकारिता मंत्री के रूप में कार्यरत रहे। उनकी माता, विद्या देवी त्रिपाठी, एक गृहिणी थीं, जिन्होंने परिवार को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
UP Election Results 2022: यूपी के वोटों के अंतर से जीत का Margin Meter
अर्चना पांडेय ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय विद्यालयों से प्राप्त की और बाद में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में परास्नातक (MA) की उपाधि प्राप्त की। 19 फरवरी 1979 को उनका विवाह राजेश प्रसाद पांडेय से हुआ, जो इटावा के निवासी हैं। इस दंपति के दो पुत्र हैं – आशीष पांडेय, जो एचडीएफसी बैंक, लाजपत नगर (दिल्ली) में प्रबंधक हैं, और राहुल रतन पांडेय, जो व्यवसाय से जुड़े हुए हैं।
#bjp4viksitbharat @narendramodi@myogiadityanath pic.twitter.com/GHgRGmFCI0
— Archana Pandey (@marchanapandey) April 9, 2025
सामाजिक और शैक्षणिक योगदान
अर्चना पांडेय ने केवल राजनीति में ही नहीं, बल्कि शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय भूमिका निभाई है। वह कई शैक्षणिक संस्थानों की प्रबंधक रही हैं, जिनमें प्रभात कुमार दुबे गर्ल्स इंटर कॉलेज (छिबरामऊ), विद्या प्रकाश महाविद्यालय (उधरनपुर), और सार्वजनिक सनातन धर्म इंटर कॉलेज (उधरनपुर) शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने फर्रुखाबाद ग्रामीण बैंक में निदेशक के रूप में भी कार्य किया और इटावा में तीन वर्ष तक कंज्यूमर कोर्ट की न्याय समिति की सदस्य रहीं।
अर्चना पांडेय : राजनीतिक सफर: पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए
अर्चना पांडेय का राजनीतिक सफर उनके पिता, पंडित रामप्रकाश त्रिपाठी, की प्रेरणा से शुरू हुआ। त्रिपाठी जी चार बार विधायक और एक बार सांसद रहे थे और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री पद भी संभाल चुके थे। 24 जून 2008 को उनके निधन के बाद, अर्चना ने उनकी राजनीतिक विरासत को संभालने का निर्णय लिया।
2012 का चुनाव: पहली चुनौती और सीख
2012 के विधानसभा चुनाव में, भाजपा ने उन्हें छिबरामऊ सीट से उम्मीदवार बनाया। हालाँकि, इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने लगभग 62,000 मत प्राप्त किए, जिससे उनकी जनाधार की संभावनाएँ स्पष्ट हो गईं।
2017 का चुनाव: ऐतिहासिक जीत
2017 के विधानसभा चुनाव में, अर्चना पांडेय ने एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की। उन्होंने 1,12,000 से अधिक मत प्राप्त करके अपने निकटतम प्रतिद्वंदी (बसपा प्रत्याशी) को 37,000 मतों के अंतर से हराया। यह जीत न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष का परिणाम थी, बल्कि उनके पिता की विरासत को पुनर्जीवित करने का भी प्रतीक थी।
अर्चना पांडेय : 2022 का चुनाव: दूसरी बार विधायक बनना
2022 के विधानसभा चुनाव में, अर्चना पांडेय ने एक बार फिर अपनी जीत का परचम लहराया। इस बार उन्होंने सपा के प्रत्याशी अरविंद सिंह यादव को पराजित कर प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की। इस जीत ने उन्हें उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित कर दिया।
अर्चना पांडेय : योगी सरकार में मंत्री पद और राजनीतिक प्रभाव
अर्चना पांडेय को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया, जहाँ उन्होंने महिला एवं बाल विकास, पर्यटन, और धर्मार्थ कार्यों से संबंधित विभागों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी नीतियों ने महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास को नई दिशा दी।
धार्मिक और पारिवारिक जीवन
अर्चना पांडेय धर्म और आध्यात्म में गहरी आस्था रखती हैं। वह संत मुरारी बापू को अपना प्रेरणास्रोत मानती हैं और नियमित रूप से माँ कालिका देवी मंदिर (छिबरामऊ) में पूजा-अर्चना करती हैं। अपने व्यस्त राजनीतिक जीवन के बावजूद, वह अपने परिवार को भी पूरा समय देती हैं और इटावा में अपने पति, बच्चों और पोते-पोतियों के साथ समय बिताती हैं।
अर्चना पांडेय का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर एक ऐसी कहानी है जो संघर्ष, दृढ़ संकल्प और जनसेवा के भाव को दर्शाती है। पिता की विरासत को संभालते हुए उन्होंने न केवल अपना एक अलग मुकाम बनाया, बल्कि महिला नेतृत्व को भी नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
Kannauj Assembly Election Results 2022
कन्नौज ज़िले की तीनों विधानसभा सीटों के विजेता
क्रमांक | विधानसभा सीट का नाम | विजेता उम्मीदवार | पार्टी |
---|---|---|---|
1 | कन्नौज | असीम अरुण | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) |
2 | छिबरामऊ | अर्चना पांडेय | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) |
3 | तिरवा | कैलाश सिंह राजपूत | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) |