यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में छपरौली विधानसभा सीट से राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के डॉ. अजय कुमार [ Dr Ajay Kumar ] ने 29,508 वोटों के अंतर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहेन्द्र सिंह को पराजित किया। यह जीत विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि:
- छपरौली सीट पर रालोद का अजेय रिकॉर्ड कायम रहा
- चौधरी चरण सिंह की विरासत को मजबूती मिली
- 2017 में भाजपा में शामिल हुए सहेन्द्र सिंह को करारी हार
छपरौली: चौधरी चरण सिंह की राजनीतिक कर्मभूमि [ Dr Ajay Kumar ]
परिवार का राजनीतिक इतिहास
- चौधरी चरण सिंह:
- इसी सीट से 1974 तक विधायक रहे
- दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने
- अजित सिंह: पूर्व केंद्रीय मंत्री व पुत्र
- सरोज बाला: पुत्री व पूर्व विधायक
सीट का विशेष महत्व
- जाट बहुल क्षेत्र: रालोद का मजबूत जनाधार
- 1974 से अब तक: रालोद/लोकदल कभी नहीं हारा
- 2017 का अपवाद: सहेन्द्र सिंह (रालोद से जीते, बाद में भाजपा में शामिल हुए)
डॉ. अजय कुमार: शिक्षाविद से राजनेता [ Dr Ajay Kumar ]
व्यक्तिगत जीवन [ Dr Ajay Kumar ]
- जन्म: 1 नवंबर 1958, वाजिदपुर
- शिक्षा: एमएससी, पीएचडी
- पिता: डॉ. महक सिंह (1991 में छपरौली से विधायक)
प्रोफेशनल करियर [ Dr Ajay Kumar ]
- 1987-2002: कानपुर कृषि विश्वविद्यालय में प्राध्यापक
- राजस्थान कृषि विभाग में सेवा दी
राजनीतिक सफर [ Dr Ajay Kumar ]
वर्ष | उपलब्धि |
---|---|
1980-82 | युवा लोकदल मंडल उपाध्यक्ष |
1983 | पंतनगर विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष |
2002 | छपरौली से विधायक (64,000 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से) |
2002-07 | विधानसभा समितियों में सक्रिय भूमिका |
2022 | दूसरी बार विधायक चुने गए |
चुनावी विश्लेषण
रालोद की जीत के प्रमुख कारण
- चौधरी चरण सिंह की विरासत: जाट मतदाताओं का भारी समर्थन
- सहेन्द्र सिंह का दलबदल: भाजपा में शामिल होने से स्थानीय असंतोष
- डॉ. अजय कुमार की शिक्षाविद छवि: जनता के बीच विश्वसनीयता
- भाजपा के खिलाफ किसान आंदोलन का प्रभाव
भाजपा की हार के कारण
- स्थानीय नेतृत्व की कमी
- किसान नाराजगी का असर
- दलबदल करने वाले नेता को समर्थन देने का नकारात्मक प्रभाव
ऐतिहासिक संदर्भ
छपरौली सीट का रिकॉर्ड (1974-2022)
वर्ष | विजेता | पार्टी | विशेष तथ्य |
---|---|---|---|
1974 | चौधरी चरण सिंह | लोकदल | मुख्यमंत्री बने |
2002 | डॉ. अजय कुमार | रालोद | 64,000 वोटों से जीत |
2017 | सहेन्द्र सिंह | रालोद | बाद में भाजपा में शामिल |
2022 | डॉ. अजय कुमार | रालोद | भाजपा को करारी हार |
भविष्य की राजनीतिक संभावनाएं
- रालोद का गढ़: छपरौली में पार्टी की पकड़ और मजबूत
- भाजपा की चुनौती: जाट मतों को पुनः हासिल करना
- किसान मुद्दा: आगामी चुनावों में निर्णायक भूमिका
“छपरौली की यह जीत साबित करती है कि चौधरी चरण सिंह की विरासत आज भी जीवित है। जाट समुदाय ने एक बार फिर रालोद के साथ खड़े होकर इतिहास दोहराया है।”
– राजनीतिक विश्लेषक, मेरठ
इस जीत ने न केवल रालोद को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पुनर्जीवित किया है, बल्कि यह साबित कर दिया है कि क्षेत्रीय दल अभी भी स्थानीय मुद्दों और पहचान की राजनीति में प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं।
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बागपत जिले की विधानसभा सीटों के विजेता (2022 चुनाव परिणाम) [ Baghpat Assembly Election Results 2022 ]
बागपत जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर बागपत और बड़ौत में भाजपा जीती, छपरौली में रालोद.
विधानसभा सीट | विजेता उम्मीदवार | पार्टी | जीत का अंतर |
---|---|---|---|
बड़ौत | कृष्णपाल मलिक | भारतीय जनता पार्टी (BJP) | 315 वोट |
बागपत | योगेश धामा | भारतीय जनता पार्टी (BJP) | 6733 वोट |
छपरौली | डॉ. अजय कुमार | राष्ट्रीय लोकदल (RLD) | 29,508 वोट |