डॉ. डीसी वर्मा का राजनीतिक सफर उन चुनिंदा नेताओं में से एक है जिन्होंने एक पेशेवर जीवन को छोड़कर जनसेवा के क्षेत्र में खुद को समर्पित किया। मीरगंज (बरेली) से भाजपा विधायक और वर्तमान में वेटनरी काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. डीसी वर्मा का राजनैतिक जीवन प्रेरणादायक है, जिसमें उन्होंने कई संघर्षों के बाद सफलता प्राप्त की।

डीसी वर्मा का राजनीतिक जीवन की शुरुआत

डॉ. डीसी वर्मा ने वर्ष 2007 में पशु चिकित्साधिकारी की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा। उस समय उन्होंने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से चुनाव लड़ा, लेकिन समाजवादी पार्टी (सपा) के सुल्तान बेग से पराजित हो गए। यह उनके राजनीतिक जीवन का प्रारंभिक चरण था, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा, परंतु उन्होंने हार नहीं मानी।

पार्टी परिवर्तन और आगे की रणनीति

वर्ष 2012 में डॉ. वर्मा ने बसपा छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थामा और फिर से सुल्तान बेग के खिलाफ मैदान में उतरे। हालांकि इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उनके संघर्ष और राजनीतिक अनुभव में परिपक्वता आई।

डीसी वर्मा की ऐतिहासिक जीत और विधायक के रूप में योगदान

डॉ. डीसी वर्मा ने वर्ष 2017 में अपना राजनीतिक सफर एक निर्णायक मोड़ पर पहुंचाया जब उन्होंने सुल्तान बेग को 54,500 वोटों से हराकर रिकॉर्ड जीत दर्ज की। यह मीरगंज विधानसभा क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी जीतों में से एक थी। उन्हें कुल 1,08,789 वोट मिले जबकि सुल्तान बेग को 54,289। यह उनके राजनीतिक संघर्ष की पराकाष्ठा थी।

2022 में बीजेपी के डॉ. डीसी वर्मा ने मीरगंज सीट पर शानदार जीत दर्ज की, जबकि सपा के सुल्तान बेग, बीएसपी के कुंवर भानू प्रताप सिंह और कांग्रेस के इलियास चुनावी मैदान में पिछड़ गए

राजनीतिक उपलब्धियाँ और वर्तमान भूमिका

डॉ. डीसी वर्मा न केवल एक विधायक हैं, बल्कि उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में भी विशेष योगदान दिया है। वह वर्तमान में उत्तर प्रदेश पशु चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष हैं और हाल ही में उन्हें वेटनरी काउंसिल ऑफ इंडिया का भी अध्यक्ष चुना गया है। वह बरेली और उत्तर प्रदेश के पहले ऐसे डॉक्टर हैं जिन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ है।

शैक्षिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि

डॉ. वर्मा बरेली जिले से हैं और उनके पिता का नाम पी.एल. वर्मा है। उन्होंने 1996 में वेटनरी कॉलेज, मथुरा से स्नातक और 2001 में आईवीआरआई, इज्जतनगर से मास्टर डिग्री प्राप्त की। उनकी पत्नी सरकारी महिला पॉलिटेक्निक, सीबी गंज, बरेली में प्रिंसिपल हैं।

मीरगंज का सियासी इतिहास और डॉ. वर्मा का उदय

मीरगंज सीट पर 2002 से 2012 तक सुल्तान बेग का दबदबा था। लेकिन 2017 से लेकर वर्तमान तक भाजपा और डॉ. डीसी वर्मा इस सीट पर मजबूत स्थिति में हैं। यह एक ऐसा उदाहरण है जहां राजनीतिक संघर्ष, समर्पण और सेवा भावना ने डॉ. वर्मा को शीर्ष पर पहुंचाया।

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बरेली जिले की विधानसभा सीटों का हाल: [ Bareilly Assembly Election Results 2022 ]

विधानसभाविजेता प्रत्याशीपार्टीउपविजेतापार्टी
आंवलाधर्मपाल सिंहबीजेपीपंडित राधा कृष्ण शर्मासपा
नवाबगंजडॉ. एमपी आर्यबीजेपीभगवत सरन गंगवारसपा
फरीदपुरश्याम बिहारी लालबीजेपीविजय पाल सिंहसपा
बरेलीडॉ.  अरुण कुमार सक्सेनाबीजेपीराजेश कुमार अग्रवालसपा
बरेली कैंटोनमेंटसंजीव अग्रवालबीजेपीसुप्रिया एरॉनसपा
बिथरी चैनपुरराधवेंद्र शर्माबीजेपीअगम कुमार मौर्यसपा
मीरगंजडॉ. डीसी वर्माबीजेपीसुल्तान बेगसपा
बहेड़ीअताउर रहमानसपाछत्रपाल सिंहबीजेपी
भोजीपुराशहजिल इस्लाम अंसारीसपाबहोरन लाल मौर्यबीजेपी
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