जीवन परिचय और प्रारंभिक राजनीतिक यात्रा
दूधराम, जो वर्तमान में महादेवा विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं, का जन्म बस्ती जिले के सांऊघाट ब्लॉक स्थित धमौरा गाँव में हुआ। 61 वर्षीय इस अनुभवी नेता ने अपना राजनीतिक सफर 1995 में जिला पंचायत सदस्य के रूप में शुरू किया था। वर्ष 2000 में उन्होंने सांऊघाट के दुधराक्ष और धमौरा से क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव जीता और ब्लॉक प्रमुख का पद संभाला।
उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व
विधानसभा में प्रवेश और उतार-चढ़ाव भरा सफर
दूधराम ने पहली बार 2002 में तत्कालीन नगर पूरब (अब महादेवा) विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा। 2007 में वे इसी सीट से विधायक चुने गए और पहली बार विधानसभा पहुँचे। हालाँकि, 2012 और 2017 के चुनावों में उन्हें सफलता नहीं मिली। 2020 में उन्होंने बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थामा।
2022 की ऐतिहासिक जीत
2022 के विधानसभा चुनाव में सपा-सुभासपा गठबंधन के तहत सुभासपा के प्रत्याशी के रूप में दूधराम ने भाजपा के रवि कुमार सोनकर को मात्र 5,495 मतों के अंतर से हराया। यह जीत विशेष रूप से महत्वपूर्ण थी क्योंकि यह पूरे उत्तर प्रदेश में 59वीं सबसे कम अंतर वाली जीत (मात्र 2.62% अंतर) थी।
पारिवारिक राजनीतिक विरासत
दूधराम की पत्नी लता देवी ने भी सक्रिय राजनीति में भाग लिया है। वह 2005 में सांऊघाट से ब्लॉक प्रमुख रहीं और 2010 से 2015 तक बस्ती जिला पंचायत की अध्यक्ष पद को सुशोभित किया। यह दंपत्ति बस्ती जिले की राजनीति में एक प्रभावशाली जोड़ी के रूप में जाने जाते हैं।
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में मुस्लिम उम्मीदवारों का प्रदर्शन – जानें पूरी सूची और विश्लेषण।
Basti Assembly Election Results 2022
क्रमांक | विधानसभा सीट | विजेता (पार्टी) |
---|---|---|
1 | बस्ती सदर | महेंद्र नाथ यादव (सपा) |
2 | हर्रैया | अजय सिंह (बीजेपी) |
3 | कप्तानगंज | कविंद्र चौधरी (सपा) |
4 | महादेवा | दूधराम (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) |
5 | रुधौली | राजेन्द्र प्रसाद चौधरी (सपा) |