अंकित भारती का राजनीतिक सफर : (Ankit Bharti Political Journey)
अंकित भारती ने बहुत कम उम्र में राजनीति में बड़ा मुकाम हासिल किया है। 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में उन्होंने गाजीपुर जिले के सैदपुर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और 35,000 से अधिक मतों के अंतर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी सुभाष पासी को हराया। उनकी यह जीत राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण रही, क्योंकि सुभाष पासी इससे पहले सैदपुर से दो बार विधायक रह चुके थे।
राजनीतिक सफर की शुरुआत (Ankit Bharti Political Journey)
निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पहला चुनाव
अंकित भारती ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत 2021 में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में की।
- उन्होंने करंडा द्वितीय (Karanda II) से जिला पंचायत चुनाव में हिस्सा लिया।
- पहली ही कोशिश में उन्होंने जीत दर्ज की।
- यह चुनाव जीतने के बाद उनकी राजनीतिक सक्रियता और अधिक बढ़ गई।
समाजवादी पार्टी (सपा) से जुड़ाव (Ankit Bharti Political Journey)
- 2021 में जिला पंचायत चुनाव जीतने के बाद, अंकित भारती ने समाजवादी पार्टी (सपा) का दामन थाम लिया।
- सपा में शामिल होने के बाद उन्होंने पार्टी के भीतर अपनी मजबूत पहचान बनाई।
- पार्टी नेतृत्व ने उनके युवा और ऊर्जावान छवि को देखते हुए उन्हें 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट दिया।
2022 विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत
सैदपुर विधानसभा चुनाव परिणाम (2022) (Ankit Bharti Political Journey)
- अंकित भारती (सपा) को 1,09,711 वोट मिले।
- सुभाष पासी (भाजपा) को 73,076 वोट प्राप्त हुए।
- अंकित भारती ने 36,635 मतों के भारी अंतर से जीत दर्ज की।
यह जीत कई मायनों में महत्वपूर्ण रही क्योंकि भाजपा के प्रत्याशी सुभाष पासी इससे पहले दो बार विधायक रह चुके थे। लेकिन अंकित भारती ने युवा जोश, जमीनी पकड़ और जनसमर्थन की बदौलत बड़ी जीत हासिल की।
अंकित भारती की सफलता के कारण
- युवा नेतृत्व क्षमता – अंकित भारती महज 26 वर्ष की उम्र में विधायक बने, जिससे उन्होंने सैदपुर क्षेत्र के युवाओं में एक नई उम्मीद जगाई।
- गहरी जमीनी पकड़ – पंचायत चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक उनकी पकड़ बेहद मजबूत रही।
- समाजवादी पार्टी का समर्थन – सपा के साथ जुड़ने से उन्हें पार्टी संगठन और कार्यकर्ताओं का पूरा सहयोग मिला।
- जनता से सीधा जुड़ाव – उनके विकास योजनाओं और लोकल मुद्दों पर फोकस ने उन्हें मतदाताओं के बीच लोकप्रिय बनाया।
क्या आगे हो सकता है?
अंकित भारती की 2022 की जीत ने सपा में उनकी स्थिति को मजबूत किया। अगर वह इसी तरह जनसमर्थन बनाए रखते हैं, तो भविष्य में उन्हें प्रदेश स्तर पर बड़ी जिम्मेदारियां भी मिल सकती हैं।
अंकित भारती का राजनीतिक सफर (Ankit Bharti Political Journey) यह दिखाता है कि अगर कोई नेता जनता के मुद्दों को समझता है, संघर्ष करता है और मेहनत करता है, तो वह बड़े से बड़े दिग्गजों को भी हरा सकता है। 26 साल की उम्र में विधायक बनना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है और उनकी सफलता भविष्य की राजनीति के लिए भी संकेत देती है कि युवा नेतृत्व अब तेजी से उभर रहा है।