अब्बास अंसारी:बंदूक से विधानसभा तक का सफर और जेल के बाद नई राजनीतिक चुनौतियाँ Abbas Ansari Biography
ग़ाज़ीपुर। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के मऊ विधायक अब्बास अंसारी का जीवन संघर्ष, राजनीतिक उतार-चढ़ाव, और कानूनी जंगों की एक ऐसी दास्तान [ Abbas Ansari Biography ] है, जो उत्तर प्रदेश की जटिल राजनीति को समझने का नज़रिया देती है। पिता मुख्तार अंसारी की विरासत संभालते हुए अब्बास ने निशानेबाज़ी में राष्ट्रीय पहचान बनाई, लेकिन राजनीति में कदम रखते ही विवादों और कानूनी उलझनों का सामना करना पड़ा। 2 साल 8 महीने की जेल यात्रा के बाद हाल ही में रिहा हुए अब्बास अब फिर से राजनीतिक मैदान में उतरने को तैयार हैं।
आगरा जिले की फतेहाबाद विधानसभा से MLA Chhote Lal Verma का राजनीतिक सफर
बचपन: पिता की जेल और माँ के संघर्ष की छाया
- जन्म: 12 फरवरी 1992 को ग़ाज़ीपुर में।
- पारिवारिक पृष्ठभूमि: पिता मुख्तार अंसारी (पूर्व बाहुबली विधायक) और माँ अफशां (अफसा) अंसारी।
- झटका: 2005 में पिता के जेल जाने के बाद परिवार की ज़िम्मेदारी माँ के कंधों पर आ गई। अब्बास उस समय महज 9 साल के थे।
- शिक्षा: ग़ाज़ीपुर के सेंट जॉन्स स्कूल से शुरुआत, फिर लखनऊ और देहरादून के दून स्कूल में पढ़ाई।
माँ का रोल: अफशां ने अब्बास और उनके भाई उमर को पालने के लिए लखनऊ में रहने का फैसला किया। पत्रकार बताते हैं, “मुख्तार की गैर-मौजूदगी में भी अब्बास ग़ाज़ीपुर आते रहे और पिता का काम संभाला।”
आगरा ग्रामीण विधानसभा से बेबी रानी मौर्य का राजनीतिक सफर
शूटिंग में राष्ट्रीय स्टार बनने तक का सफर [ Abbas Ansari Biography]
- खेल में दिलचस्पी: पिता की तरह खेलों के प्रति लगाव। शॉटगन शूटिंग में विशेषज्ञता।
- उपलब्धियाँ:
- 2012: फिनलैंड में जूनियर विश्व कप में पदक।
- 2013: 55वीं राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में जूनियर और सीनियर वर्ग में स्वर्ण।
- सपना: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करियर बनाना, लेकिन पिता की राजनीतिक विरासत ने रास्ता बदल दिया।
राजनीति में प्रवेश: हार से जीत तक [ Abbas Ansari Biography]
- 2017 का पहला चुनाव: घोसी सीट से बसपा टिकट पर लड़ा, लेकिन भाजपा के फागू सिंह चौहान से 8,000 वोटों से हार।
- 2022 की बड़ी जीत: एसबीएसपी-एसपी गठबंधन के तहत मऊ सीट [ Political Journey ] से चुनाव लड़ा। भाजपा के अशोक सिंह को 39,000 वोटों के अंतर से हराया।
- चुनावी रणनीति: मुस्लिम-यादव-पिछड़ा वोट बैंक का समीकरण।
- विवाद: नफ़रत भरे भाषण और आचार संहिता उल्लंघन के आरोप।
कानूनी उलझनें और जेल यात्रा
- 2019: पहला मामला दर्ज। लखनऊ में सरकारी ज़मीन पर कब्ज़े का आरोप।
- 2022:
- गिरफ़्तारी: नवंबर में प्रयागराज मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने गिरफ्तार किया।
- जेल स्कैंडल: पत्नी निकहत से मुलाकात के दौरान विदेशी मुद्रा और मोबाइल बरामद। जेल स्टाफ समेत 7 लोग गिरफ्तार।
- सज़ा: कासगंज जेल में हाई-सिक्योरिटी बैरक में रखा गया।
पिता की मौत और सुप्रीम कोर्ट से राहत [ Abbas Ansari Biography ]
- मार्च 2023: पिता मुख्तार अंसारी की मृत्यु पर जेल में भावुक होकर रोए।
- सुप्रीम कोर्ट का आदेश: अप्रैल 2023 में फातिहा पढ़ने के लिए ग़ाज़ीपुर ले जाने की अनुमति।
- रिहाई: 7 मार्च 2025 को गैंगस्टर एक्ट केस में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली। चित्रकूट कोर्ट ने 2 लाख रुपये की जमानत पर रिहाई का आदेश दिया।
राजनीतिक भविष्य: चुनौतियाँ और संभावनाएँ
- एसबीएसपी की उम्मीद: पार्टी समर्थकों को रिहाई से राहत, लेकिन विपक्ष सवाल उठा रहा है।
- मुस्लिम वोट बैंक: पूर्वी यूपी में अब्बास की मजबूत पकड़। खुली जीप में घूमने और सीधे संवाद की शैली लोकप्रिय।
- कानूनी दांव-पेच: अभी भी कई मामले लंबित, जो उनकी राजनीतिक गतिविधियों को प्रभावित कर सकते हैं।
विरासत बनाम नई पहचान
अब्बास अंसारी की कहानी [ Abbas Ansari Biography] सिर्फ एक नेता की नहीं, बल्कि उस सिस्टम की है जहाँ विरासत और विवाद साथ-साथ चलते हैं। जेल से बाहर आकर वह चाहते हैं कि उन्हें मुख्तार के “गैंगस्टर” टैग से नहीं, बल्कि अपने काम से पहचाना जाए। लेकिन यूपी की राजनीति, जहाँ हर कदम पर इतिहास और वर्तमान की लड़ाई होती है, अब्बास के लिए आसान नहीं होगी। “मैंने शूटिंग रेंज में निशाना साधा, अब जनता के दिलों का निशाना लूँगा,” – अब्बास का यह बयान [ MLA Political Journey ] उनके नए संकल्प को दर्शाता है। पर सवाल यही है कि क्या वह विवादों के बादलों को छितरा पाएँगे?
आगरा छावनी विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक डॉ. जी. एस. धर्मेश का राजनीतिक सफर