उत्तर प्रदेश की राजनीति में अनिल कुमार का सफर संघर्ष और धैर्य का अद्भुत उदाहरण है। 22 साल पहले एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में बसपा से राजनीति शुरू करने वाले अनिल कुमार ने आज कैबिनेट मंत्री के रूप में अपनी अलग पहचान [ MLA Anil Kumar Biography ] बनाई है।
हमारे नेता, राष्ट्रीय अध्यक्ष जी जो फ़ैसला लिया है, उसमे किसी भी तरह का विरोधाभास नहीं है, न पार्टी के लोगों की ओर से न ही हमारे क्षेत्र की जनता की ओर से। सभी हमारे नेता के फैसले से खुश हैं, पार्टी के साथ हैं।
— ANIL KUMAR (@AnilKumarMZN) February 26, 2024
अनिल कुमार, विधायक l#RLD pic.twitter.com/Q5skwWipKf
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
अनिल कुमार का जन्म सहारनपुर जिले के ताहरपुर गांव में हुआ था। उनकी ननिहाल मुजफ्फरनगर जिले के चरथावल विधानसभा क्षेत्र के कसियारा गांव में थी। उन्होंने इंटरमीडिएट तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद कृषि कार्य में अपना हाथ आजमाया।
राजनीतिक सफर की शुरुआत [ MLA Anil Kumar Biography ]
अनिल कुमार का राजनीति में प्रवेश 2002 में बसपा नेता उमा किरण के संपर्क में आने के बाद हुआ। उन्होंने उमा किरण के साथ रहकर राजनीति की बारीकियां सीखीं। जब उमा किरण ने बसपा छोड़कर सपा सरकार में मंत्री पद ग्रहण किया, तब अनिल कुमार ने बसपा में बने रहने का निर्णय लिया और अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने में जुट गए।
पहली बार विधायक निर्वाचित
अनिल कुमार के समर्पण और पार्टी के प्रति वफादारी को देखते हुए, बसपा ने 2007 के विधानसभा चुनाव में उन्हें चरथावल सुरक्षित सीट से उम्मीदवार बनाया। उन्होंने इस चुनाव में 35417 वोट प्राप्त कर भाजपा के रामपाल सिंह को 1873 मतों से हराया। दिलचस्प बात यह रही कि उनकी राजनीतिक गुरु रही उमा किरण सिर्फ 15425 वोट प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहीं।
2012 में पुरकाजी सीट से दूसरी बार विधायक
परिसीमन के बाद 2012 में चरथावल की जगह पुरकाजी को सुरक्षित सीट घोषित किया गया। बसपा ने दोबारा अनिल कुमार को मौका दिया, और उन्होंने 53491 वोट प्राप्त कर कांग्रेस के पूर्व मंत्री दीपक कुमार को 8908 मतों से पराजित किया।
2017 में हार और सपा में प्रवेश
मुजफ्फरनगर दंगों के बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर चली। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी प्रमोद ऊटवाल ने उन्हें पराजित किया। कांग्रेस के दीपक कुमार दूसरे स्थान पर रहे, और अनिल कुमार तीसरे स्थान पर चले गए। इसके बाद, अनिल कुमार ने 2022 के चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया।
2022 में जीत और कैबिनेट मंत्री पद [ MLA Anil Kumar Biography ]
सपा-रालोद गठबंधन में पुरकाजी सुरक्षित सीट रालोद के हिस्से में चली गई, जिसके चलते अनिल कुमार ने रालोद के सिंबल पर चुनाव लड़ा और भाजपा प्रत्याशी प्रमोद ऊटवाल को पराजित किया।
सपा-रालोद गठबंधन टूटने के बावजूद, अनिल कुमार ने रालोद के प्रति अपनी निष्ठा बनाए रखी। यही कारण है कि रालोद ने उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाकर सम्मानित किया।
परिवारिक जीवन [ MLA Anil Kumar Biography ]
अनिल कुमार वर्तमान में मुजफ्फरनगर के पचैंडा रोड स्थित अंकित विहार में रहते हैं। उनके पिता वाणिज्यकर विभाग में कार्यरत थे, और उनकी माता भगवानदेई गृहिणी थीं।
उनका परिवार इस प्रकार है:
- पत्नी: वीरमति (गृहिणी)
- बेटियां: सिमरन (बी.कॉम छात्रा), आस्था (कक्षा 9 की छात्रा)
- भाई: पंकज और सुनील
- बहनें: सुनीला, रंजना और मोनिका
राजनीतिक सफर की खास उपलब्धियां
- 2007: पहली बार चरथावल सुरक्षित सीट से बसपा विधायक बने।
- 2012: पुरकाजी सीट से दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए।
- 2017: भाजपा के प्रमोद ऊटवाल से चुनाव हारे।
- 2022: रालोद के टिकट पर पुरकाजी से विधायक बने।
- 2024: रालोद ने कैबिनेट मंत्री पद से सम्मानित किया।
अनिल कुमार ने निष्ठा और टिकाऊ राजनीतिक निर्णयों [ Anil Kumar Political Journey ] के जरिए न केवल अपनी पहचान बनाई, बल्कि पार्टी और जनता का विश्वास भी जीता। आज वह मुजफ्फरनगर की राजनीति के एक मजबूत स्तंभ के रूप में उभरकर सामने आए हैं।