प्रेम सागर पटेल का जन्म 7 जून 1962 को उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के पिपराबाबू गांव में हुआ। वे हिन्दू धर्म के अनुयायी हैं और कुर्मी जाति (पिछड़ी जाति) से संबंध रखते हैं। उनके पिता का नाम गजाधर राम था।

प्रेमसागर पटेल ने स्नातक तक शिक्षा प्राप्त की है और इसके साथ कृषि डिप्लोमा भी हासिल किया। उनका विवाह 18 मई 1976 को विन्द्रावती देवी पटेल के साथ हुआ। उनके परिवार में तीन पुत्र हैं।

उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व

व्यवसाय के तौर पर प्रेमसागर पटेल कृषि कार्य में संलग्न हैं। उनके जीवन परिचय से यह स्पष्ट होता है कि वे एक कृषक परिवार से आते हैं और खेती के अनुभव ने उनके सामाजिक जुड़ाव को मजबूती दी।

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प्रेम सागर पटेल : राजनीतिक सफर की शुरुआत

प्रारंभिक राजनीतिक प्रयास

प्रेम सागर पटेल का राजनीतिक सफर 2009 में शुरू हुआ जब उन्होंने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा। हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन इस प्रयास ने उन्हें क्षेत्रीय राजनीति में एक पहचान दिलाई।

विधानसभा चुनाव में भागीदारी

2012 में प्रेमसागर पटेल ने बसपा से ही सिसवा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इन दो असफल प्रयासों के बावजूद उन्होंने राजनीति में सक्रियता बनाए रखी।

प्रेम सागर पटेल : राजनीतिक दल में परिवर्तन और सफलता

भाजपा में शामिल होने का निर्णय

2014 में लोकसभा चुनाव से पहले प्रेम सागर पटेल ने बसपा छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया। यह कदम उनके राजनीतिक सफर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।

भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने संगठन के कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई और पार्टी के भीतर अपनी मजबूत पकड़ बनाई।

प्रेम सागर पटेल : पहली बार विधायक निर्वाचित

मार्च 2017 में प्रेम सागर पटेल ने भाजपा के टिकट पर सिसवा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और पहली बार सत्रहवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। उनके जीवन परिचय और राजनीतिक सफर में यह एक बड़ी उपलब्धि रही।

दूसरी बार विजय

मार्च 2022 में प्रेमसागर पटेल ने अट्ठारहवीं विधान सभा के लिए फिर से सिसवा से चुनाव लड़ा और दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए। लगातार दो बार जीत हासिल कर उन्होंने अपने क्षेत्र में प्रभावी जनसमर्थन सिद्ध किया।

सामाजिक योगदान और अन्य गतिविधियाँ

किसान आंदोलनों में भूमिका

प्रेमसागर पटेल “पी०एम०के०एस० किसान आन्दोलन” के अध्यक्ष भी रहे हैं। किसान हितों से जुड़े मुद्दों पर उनकी सक्रियता ने ग्रामीण समाज में उनकी लोकप्रियता बढ़ाई। उनके जीवन परिचय का यह पहलू दिखाता है कि वे किसानों के अधिकारों के लिए संघर्षशील रहे हैं।

साहित्यिक योगदान

प्रेमसागर पटेल ने सरकार पटेल रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन के माध्यम से कुछ पुस्तकें भी प्रकाशित करवाई हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि सामाजिक और राजनीतिक जीवन के साथ-साथ उनका साहित्यिक क्षेत्र में भी योगदान रहा है।

प्रेम सागर पटेल का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर यह दर्शाता है कि निरंतर प्रयास और सही समय पर लिए गए निर्णय राजनीतिक सफलता की कुंजी हैं।

बसपा से राजनीतिक करियर की शुरुआत कर, असफलताओं से सीख लेते हुए भाजपा में स्थान बनाकर उन्होंने दो बार विधायक निर्वाचित होने तक का सफर तय किया।

महाराजगंज जिले की विधानसभा सीटों का परिणाम Maharajganj Assembly Election Results 2022

विधानसभा सीटविजेतापार्टी
नौतनवाऋषि त्रिपाठीनिषाद पार्टी
फरेंदावीरेंद्र चौधरीकांग्रेस
महराजगंज सदर (सुरक्षित)जय मंगल कनौजियाभाजपा
पनियराज्ञानेंद्र सिंहभाजपा
सिसवाप्रेम सागर पटेलभाजपा
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