रविदास मेहरोत्रा का जन्म 21 अप्रैल 1955 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ। उनके पिता का नाम स्वर्गीय योगेन्द्र सिंह मेहरोत्रा था। रविदास मेहरोत्रा हिन्दू धर्म के अनुयायी हैं और खत्री जाति से संबंधित हैं।

शैक्षणिक जीवन परिचय के अनुसार, उन्होंने स्नातकोत्तर तथा एलएलबी की शिक्षा प्राप्त की। रविदास मेहरोत्रा पेशे से एडवोकेट हैं और इसके साथ ही व्यापार एवं दुकान आदि कार्यों से भी जुड़े हुए हैं।

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उनका विवाह 10 दिसम्बर 1981 को श्रीमती रश्मि मेहरोत्रा से हुआ। श्रीमती रश्मि मेहरोत्रा का जन्म 22 मई 1960 को हुआ था। दम्पति के एक पुत्र और एक पुत्री हैं। रविदास मेहरोत्रा का जीवन परिचय उनके सामाजिक कार्यों और शिक्षा क्षेत्र में सक्रियता को भी दर्शाता है।

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प्रारंभिक सामाजिक भूमिका

रविदास मेहरोत्रा का सामाजिक जीवन विश्वविद्यालय स्तर से ही सक्रिय रहा। वे 1974-1975 में श्री जयनारायण महाविद्यालय, लखनऊ के उपाध्यक्ष और 1977-1984 के बीच लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के महामंत्री रहे। इसके अलावा वे कई सामाजिक संगठनों में प्रदेश अध्यक्ष और संरक्षक के रूप में भी कार्यरत रहे हैं।

आपातकाल के दौरान 15 जुलाई 1975 से 7 मार्च 1977 तक रविदास मेहरोत्रा डीआईआर और मीसा के तहत कारावास में रहे। इस दौरान वे लखनऊ, उन्नाव, सीतापुर, गोंडा, बरेली, फतेहपुर, देवरिया सहित कई कारागारों में लगभग पाँच वर्ष तक बन्दी रहे। लोकतंत्र की रक्षा हेतु उनके योगदान के लिए उन्हें लोकतंत्र सेनानी सम्मान और राज्य सरकार से मासिक पेंशन भी प्राप्त होती है।

उन्होंने “लोकतन्त्र सेनानियों का इतिहास” नामक पुस्तक भी लिखी है, जिसे लोकतंत्र सेनानी कल्याण परिषद द्वारा प्रकाशित किया गया।

रविदास मेहरोत्रा का राजनीतिक सफर

राजनीति में शुरुआती कदम

रविदास मेहरोत्रा का राजनीतिक सफर सामाजिक आंदोलनों और छात्र राजनीति से प्रारंभ हुआ। जनसमस्याओं को लेकर उनकी सक्रियता ने उन्हें राजनीति में एक मजबूत पहचान दी।

नवम्बर 1989 में वे पहली बार दसवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। इसके साथ ही 1989 से 1991 तक उत्तर प्रदेश विधान सभा में सचेतक के रूप में भी कार्य किया।

2012 का विधानसभा चुनाव और मंत्री पद

रविदास मेहरोत्रा ने 2012 में पुनः विधानसभा चुनाव में भाग लिया और सोलहवीं विधान सभा के सदस्य बने। इस कार्यकाल के दौरान 2016 से 2017 तक वे अखिलेश यादव मंत्रिमंडल में परिवार कल्याण एवं मातृ-शिशु कल्याण विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे।

उनके राजनीतिक सफर में यह एक महत्वपूर्ण अध्याय रहा जब उन्होंने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण से जुड़े कार्यों को गति दी और विभिन्न योजनाओं को लागू करने में योगदान दिया।

2022 विधानसभा चुनाव में पुनः विजय

मार्च 2022 में आयोजित विधानसभा चुनाव में रविदास मेहरोत्रा ने एक बार फिर सफलता प्राप्त की और अट्ठारहवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए।

यह उनके राजनीतिक सफर में तीसरी बार विधानसभा सदस्य चुने जाने का अवसर रहा, जो उनके जनसमर्थन और क्षेत्र में लोकप्रियता का प्रमाण है।

जनता के बीच भूमिका

रविदास मेहरोत्रा का राजनीतिक सफर जनता से सीधे संवाद और जमीनी स्तर पर समस्याओं के समाधान पर आधारित रहा है। उन्होंने गरीबों, मजदूरों, किसानों और निम्न वर्गों के अधिकारों के लिए कई आंदोलनों का नेतृत्व किया। उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिले हैं।

रविदास मेहरोत्रा का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर इस बात का प्रमाण है कि निरंतर सामाजिक कार्यों और संघर्षों के माध्यम से राजनीति में स्थायी और मजबूत स्थान बनाया जा सकता है। शिक्षा, वकालत और सामाजिक सेवा से जुड़े उनके अनुभव ने उन्हें जनता का सच्चा प्रतिनिधि बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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