अनिल कुमार त्रिपाठी उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले के मेंहदावल विधानसभा क्षेत्र से निषाद पार्टी के विधायक [ Anil Kumar Tripathi Biography ] हैं। उनका राजनीतिक सफर संघर्ष, हार और जीत की एक प्रेरणादायक कहानी है। कई बार हारने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अंततः 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की।
आज लखनऊ में मा०विधानसभा अध्यक्ष आदरणीय @Satishmahanaup जी से शिष्टाचार भेंट के अनुक्रम में राजनैतिक एवं संवैधानिक विषयों पर चर्चाकर मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद प्राप्त किया।@BJP4India pic.twitter.com/HpDlUa3Gkg
— Anil Kumar Tripathi (@Anil4Bharat) March 19, 2025
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा [ Anil Kumar Tripathi Biography ]
अनिल कुमार त्रिपाठी का जन्म 12 जून 1965 को उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले (तब बस्ती का हिस्सा) के कर्मा कलां गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम स्वर्गीय दयाशंकर त्रिपाठी और माता का नाम स्वर्गीय श्रीमती लीलावती त्रिपाठी था। उनका मूल निवास बेलौली गाँव में है।
राजनीतिक करियर की शुरुआत
अनिल त्रिपाठी का राजनीतिक सफर [ Anil Kumar Tripathi Biography ] उनकी पत्नी आशा त्रिपाठी के साथ शुरू हुआ। 2006 में आशा त्रिपाठी ने सांथा ब्लॉक से ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ा और ताबिश खान को हराकर जीत हासिल की। इस जीत ने अनिल त्रिपाठी को राजनीति में सक्रिय होने के लिए प्रेरित किया।
2007 में अनिल त्रिपाठी ने पहली बार मेंहदावल विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस हार ने उन्हें हतोत्साहित नहीं किया, बल्कि उन्होंने अपने राजनीतिक करियर को आगे बढ़ाने का फैसला किया।
2012 और 2017 के चुनाव में संघर्ष
2012 में अनिल त्रिपाठी पीस पार्टी (पीस डेमोक्रेटिक पार्टी) में शामिल हुए और मेंहदावल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। इस चुनाव में वे सपा के लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद से बेहद कम वोटों से हार गए और दूसरे स्थान पर रहे।
2017 के विधानसभा चुनाव में अनिल त्रिपाठी ने बसपा (बहुजन समाज पार्टी) के टिकट पर मेंहदावल सीट से चुनाव लड़ा। इस बार भी वे दूसरे स्थान पर रहे और भाजपा के राकेश सिंह बघेल ने जीत हासिल की।
भाजपा में शामिल होना और 2022 की जीत [ Anil Kumar Tripathi Biography ]
2019 में अनिल त्रिपाठी ने भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) ज्वाइन की और पार्टी में सक्रिय रहे। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और निषाद पार्टी के गठबंधन के तहत उन्हें मेंहदावल सीट से प्रत्याशी बनाया गया। इस चुनाव में उन्होंने अपने चौथे प्रयास में जीत हासिल की और विधायक बने।
व्यक्तिगत जीवन [ Anil Kumar Tripathi Biography ]
- नाम: अनिल कुमार त्रिपाठी
- जन्म तिथि: 12 जून 1965
- जन्म स्थान: कर्मा कलां, संत कबीर नगर, उत्तर प्रदेश
- पिता का नाम: स्वर्गीय दयाशंकर त्रिपाठी
- माता का नाम: स्वर्गीय श्रीमती लीलावती त्रिपाठी
- पत्नी का नाम: आशा त्रिपाठी
- राजनीतिक दल: निषाद पार्टी (भाजपा गठबंधन)
- निर्वाचन क्षेत्र: मेंहदावल विधानसभा सीट, संत कबीर नगर
राजनीतिक योगदान
- 2006: पत्नी आशा त्रिपाठी ने सांथा ब्लॉक से ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जीता।
- 2007: मेंहदावल सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा, हार गए।
- 2012: पीस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा, दूसरे स्थान पर रहे।
- 2017: बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा, दूसरे स्थान पर रहे।
- 2019: भाजपा में शामिल हुए।
- 2022: भाजपा-निषाद पार्टी गठबंधन के तहत मेंहदावल सीट से जीत हासिल की।
अनिल कुमार त्रिपाठी को नेता विधानमंडल के पद से हटाया गया
जनवरी 2025 में, निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने विधानसभा में नेता विधानमंडल के पद पर कार्यरत मेंहदावल के विधायक अनिल कुमार त्रिपाठी को उनके पद से हटा दिया। निषाद पार्टी के इस कदम ने जनपद के राजनीतिक गलियारों में सियासी चर्चा को तेज कर दिया। लोग इस घटनाक्रम को तरह-तरह से जोड़कर देख रहे थे।
2022 के विधानसभा चुनाव में जीत [ Anil Kumar Tripathi Biography ]
2022 के विधानसभा चुनाव में, निषाद पार्टी ने अनिल कुमार त्रिपाठी को मेंहदावल विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था। उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी जयराम पांडेय को करीब पांच हजार वोटों के अंतर से हराया था। विधायक बनने के बाद, निषाद पार्टी ने उनके कद को बढ़ाते हुए उन्हें सदन में नेता विधानमंडल के पद पर तैनात किया था। इस पद पर वह लगातार अपनी सेवाएं दे रहे थे।
अचानक पद से हटाया गया
हालांकि, जनवरी 2025 में अचानक हुए घटनाक्रम में, निषाद पार्टी ने अनिल कुमार त्रिपाठी को नेता विधानमंडल के पद से हटा दिया। इसके बाद जौनपुर जनपद के शाहगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक रमेश प्रताप सिंह को नए नेता विधानमंडल के पद पर तैनात किए जाने की चर्चा हुई।
लोकसभा चुनाव में हार का असर [ Anil Kumar Tripathi Biography ]
अनिल त्रिपाठी के पद से हटाए जाने के पीछे लोग लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी प्रवीण निषाद की हार को जोड़कर देख रहे थे। लोगों में दबी जुबान से चर्चा थी कि निषाद पार्टी को प्रवीण निषाद की हार पच नहीं रही थी। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी।
पार्टी का बयान
निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने इस मामले पर कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए समय-समय पर फेरबदल किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि अनिल त्रिपाठी पार्टी की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं और विरोधियों को हर चीज में राजनीति दिखती है।
अनिल कुमार त्रिपाठी के नेता विधानमंडल के पद से हटाए जाने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई थी। यह घटनाक्रम निषाद पार्टी के भीतर हो रहे बदलावों और सियासी समीकरणों को दर्शाता है। अनिल त्रिपाठी का राजनीतिक सफर संघर्ष और सफलता की एक प्रेरणादायक कहानी है, और भविष्य में उनकी भूमिका क्या होगी, यह देखना दिलचस्प होगा।
अनिल कुमार त्रिपाठी का राजनीतिक सफर संघर्ष और सफलता की एक प्रेरणादायक कहानी है। उन्होंने कई बार हार का सामना किया, लेकिन हार नहीं मानी। 2022 के चुनाव में उन्होंने अपने चौथे प्रयास में जीत हासिल कर यह साबित कर दिया कि मेहनत और लगन से कैसे बड़े मुकाम हासिल किए जा सकते हैं।