सरोज कुरील का जन्म 13 जुलाई 1971 को उन्नाव जिले में श्री स्वरूप लाल के घर हुआ था। अनुसूचित जाति (चमार समुदाय) से संबंध रखने वाली सरोज ने अपनी शिक्षा में उच्च स्तर हासिल किया, जिसमें स्नातकोत्तर और एलएलबी की डिग्रियाँ शामिल हैं। 5 मई 1993 को उनका विवाह श्री सत्यप्रकाश कुरील (जन्म 15 दिसंबर 1961) से हुआ, जो स्वयं एक इंजीनियर हैं। इस दंपति के दो पुत्र हैं। सरोज ने कृषि को भी अपनाया है, जो उनके ग्रामीण जीवन से जुड़ाव को दर्शाता है।
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सरोज कुरील : पारिवारिक राजनीतिक विरासत
सरोज कुरील अपने ससुर स्वर्गीय ज्वाला प्रसाद कुरील की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रही हैं, जो 1977 में घाटमपुर से जनता पार्टी के सांसद और बाद में विधायक रहे। इस प्रभावशाली पारिवारिक पृष्ठभूमि ने सरोज को राजनीति में प्रवेश करने के लिए प्रेरित किया।
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सरोज कुरील :राजनीतिक यात्रा का प्रारंभ
सरोज कुरील ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ की, जहाँ वे लंबे समय तक सक्रिय सदस्य रहीं। 2010 से 2015 तक उन्होंने क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, जिससे उन्हें स्थानीय शासन का महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त हुआ।
2012 विधानसभा चुनाव: संघर्षपूर्ण हार
2012 के विधानसभा चुनाव में सरोज कुरील को बसपा की टिकट पर घाटमपुर सीट से चुनाव लड़ने का अवसर मिला। इस चुनाव में उन्हें मात्र 700 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा, जहाँ सपा के इंद्रजीत कोरी 50,669 मतों के साथ विजयी रहे।
2017 विधानसभा चुनाव: दूसरी असफलता
2017 के चुनाव में फिर से बसपा टिकट पर चुनाव लड़ने वाली सरोज को भाजपा की कमलरानी वरुण से करारी हार मिली, जिन्हें 92,776 मत मिले जबकि सरोज को केवल 47,598 मत प्राप्त हुए।
राजनीतिक दल परिवर्तन और 2022 विधानसभा चुनाव सफलता
25 जनवरी 2022 को सरोज कुरील ने एक बड़ा राजनीतिक निर्णय लेते हुए बसपा छोड़कर अपना दल (सोनिया) में शामिल होने की घोषणा की। उनके पति सत्यप्रकाश कुरील ने अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल से मुलाकात कर इस संबंध को औपचारिक रूप दिया। 2022 के विधानसभा चुनाव में सरोज कुरील ने समाजवादी पार्टी के भगवती प्रसाद सागर को 14,474 मतों के अंतर से हराया।
वर्तमान राजनीतिक स्थिति और भविष्य की संभावनाएँ
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अपना दल में शामिल होने के बाद सरोज के लिए नए राजनीतिक अवसर उपलब्ध होंगे। घाटमपुर क्षेत्र में उनकी मजबूत जनाधार और अनुसूचित जातियों के बीच उनकी पहचान उन्हें एक प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित करती है।
सरोज कुरील का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर एक ऐसी कहानी है जो लगातार संघर्ष और दृढ़ निश्चय को दर्शाती है। बसपा से अपना दल तक के उनके सफर ने उन्हें एक लचीली और व्यावहारिक नेता के रूप में स्थापित किया है। उनकी शैक्षणिक योग्यता और सामाजिक समझ उन्हें राजनीति में एक विशेष स्थान प्रदान करती है।
कानपुर जिले की 10 विधानसभा सीटों के विजेताओं की सूची [ Kanpur Assembly Election Results 2022 ]
विधानसभा क्षेत्र | विजेता का नाम | पार्टी |
---|---|---|
बिठूर | अभिजीत सिंह सांगा | भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) |
बिल्हौर | मोहित सोनकर | भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) |
घाटमपुर | सरोज कुरील | अपना दल (भा.ज.पा. गठबंधन) |
महाराजपुर | सतीश महाना | भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) |
किदवई नगर | महेश त्रिवेदी | भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) |
गोविंद नगर | सुरेंद्र मैथानी | भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) |
कल्याणपुर | नीलीमा कटियार | भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) |
कानपुर कैंट | मोहम्मद हसन रूमी | समाजवादी पार्टी (सपा) |
आर्यनगर | अमिताभ बाजपेयी | समाजवादी पार्टी (सपा) |
सीसामऊ | इरफान सोलंकी | समाजवादी पार्टी (सपा) |