सुशील सिंह का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर: पूर्वांचल के प्रभावशाली विधायक की चौथी जीत की कहानी

सुशील सिंह का जीवन परिचय पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद के सैयदराजा क्षेत्र से जुड़े एक प्रभावशाली और लोकप्रिय नेता के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म 25 दिसंबर 1976 को वाराणसी में हुआ था। वे पूर्व विधान परिषद सदस्य उदय नाथ सिंह उर्फ चुलबुल के पुत्र हैं और चर्चित नाम बृजेश सिंह उर्फ अरुण उनके चाचा हैं। सुशील सिंह की पत्नी किरण सिंह भी राजनीति में सक्रिय रही हैं और 2000 से 2005 तक वाराणसी जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं। उनके परिवार में एक बेटा और दो बेटियाँ हैं। राजनीति में सक्रिय होने से पहले वे सरकारी ठेकेदारी व्यवसाय से जुड़े हुए थे और आज भी यह कार्य क्षेत्र से जुड़े हैं। सुशील सिंह की पहचान एक मजबूत और ज़मीनी नेता के रूप में है, जिनका राजनीतिक आधार पूर्वांचल में बहुत गहरा है।

सुशील सिंह का राजनीतिक सफर

सुशील सिंह का राजनीतिक सफर बेहद दिलचस्प और संघर्षों से भरा रहा है। उन्होंने अब तक पांच विधानसभा चुनाव लड़े हैं, जिनमें चार बार जीत हासिल की है और केवल एक बार बेहद मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा। उनका राजनीतिक सफर 2002 में धानापुर विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर शुरू हुआ था, जहां वे समाजवादी पार्टी के प्रभुनारायण सिंह यादव से मात्र 26 वोटों से हार गए थे।

इसके बाद 2007 में सुशील सिंह ने दोबारा बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और प्रभुनारायण सिंह यादव को हराकर पहली बार विधायक बने। 2012 में उन्होंने सकलडीहा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और फिर से प्रभुनारायण सिंह यादव को पराजित किया। 2017 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से टिकट लेकर सैयदराजा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और बसपा के विनीत सिंह को हराकर तीसरी बार विधायक बने।

2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने एक बार फिर सैयदराजा सीट से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मनोज कुमार सिंह डब्लू को हराकर चौथी बार विधायक बनने का गौरव प्राप्त किया। इस जीत के साथ वे चंदौली जनपद के पहले ऐसे विधायक बने, जिन्होंने लगातार चार बार चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया।

सैयदराजा सीट पर लगातार जीत और राजनीतिक प्रभाव

पूर्वांचल की हॉट सीट माने जाने वाली सैयदराजा विधानसभा सीट पर सुशील सिंह की पकड़ बेहद मजबूत रही है। इस क्षेत्र में वे एक ऐसे नेता के रूप में उभरे हैं, जिनका न केवल पार्टी में बल्कि जनमानस में भी जबरदस्त समर्थन है। उन्होंने न केवल अपने विरोधियों को हराया, बल्कि अपने चाचा बृजेश सिंह की 2012 की हार का भी राजनीतिक रूप से बदला लिया।

सुशील सिंह का जीवन परिचय और उनका राजनीतिक सफर उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक मजबूत और प्रेरणादायक भूमिका निभाता है। उन्होंने कठिन परिस्थितियों और नजदीकी मुकाबलों में भी अपना आत्मविश्वास नहीं खोया और हर चुनाव को जीत में बदला। उनकी लोकप्रियता, संगठनात्मक कौशल और जनता से जुड़ाव ही उन्हें लगातार चार बार विधायक बनाने में सफल रहा। आज वे न केवल चंदौली बल्कि पूरे पूर्वांचल की राजनीति में एक प्रभावशाली नाम बन चुके हैं।

UP Election Results 2022: यूपी की 15 सीटों पर 1000 से भी कम वोटों के अंतर से जीत

2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव – चंदौली जिले की चारों सीटों का विस्तृत परिणाम [ Chandauli Assembly Election Results 2022 ]

विधानसभा सीटविजेता प्रत्याशीपार्टीकुल वोटउपविजेतापार्टीवोटजीत का अंतर
सैयदराजासुशील सिंहबीजेपी87,891मनोज सिंहसपा76,97410,917
मुगलसरायरमेश जायसवालबीजेपी1,02,216चंद्रशेखर यादवसपा87,29514,921
सकलडीहाप्रभु नारायण सिंह यादवसपा86,328सूर्यमुनि तिवारीबीजेपी69,66716,661
चकियाकैलाश खरवारबीजेपी97,812जितेंद्रसपा88,5619,251
  • बीजेपी ने 4 में से 3 सीटों (सैयदराजा, मुगलसराय, चकिया) पर जीत दर्ज की।
  • सपा ने 1 सीट (सकलडीहा) पर जीत हासिल की।
  • सभी सीटों पर बसपा तीसरे और कांग्रेस चौथे स्थान पर रही।

उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधि

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