सुनील कुमार शर्मा भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख और प्रभावशाली नेताओं में गिने जाते हैं, जिन्होंने उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। एक प्रखर वक्ता, सुलझे हुए अधिवक्ता और जमीनी नेता के रूप में उनका राजनीतिक सफर युवाओं और नवोदित नेताओं के लिए प्रेरणास्रोत रहा है।
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सुनील शर्मा का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
सुनील कुमार शर्मा का जन्म 3 नवम्बर 1962 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के पटला गाँव में हुआ था। उनके पिता स्वर्गीय जय भगवान शर्मा एक सम्मानित सामाजिक व्यक्ति थे, जिनके संस्कारों और मूल्यों का प्रभाव सुनील शर्मा के जीवन परिचय में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
शिक्षा के क्षेत्र में वे हमेशा से गंभीर और प्रतिबद्ध रहे। उन्होंने 1983 में एम.ए. तथा 1986 में एलएलबी की डिग्री एम.एम.एच. कॉलेज, गाजियाबाद (मेरठ विश्वविद्यालय) से प्राप्त की। वकालत का पेशा चुनने के बाद उन्होंने समाज और कानून के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया।
सुनील शर्मा : राजनीतिक यात्रा की शुरुआत
सुनील शर्मा का राजनीतिक सफर 2007 में पहली बार तब शुरू हुआ जब वे गाजियाबाद सदर सीट से विधायक चुने गए। अपनी स्पष्टवादी शैली और प्रभावशाली भाषणों की वजह से वे जल्दी ही पार्टी के भरोसेमंद चेहरों में शामिल हो गए। ब्राह्मण समाज से आने वाले शर्मा ने सामाजिक समरसता और विकास को अपनी राजनीति का आधार बनाया।
उन्होंने जनसंपर्क, संगठनात्मक क्षमता और समाजसेवा के दम पर भाजपा के कार्यकर्ता से लेकर उत्तर प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी सदस्य तक का सफर तय किया।
साहिबाबाद से ऐतिहासिक विजय: चुनावी राजनीति का नया अध्याय
2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सुनील कुमार शर्मा ने गाजियाबाद जिले की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से एक साहिबाबाद से चुनाव लड़ा और अमरपाल शर्मा को करीब 1.5 लाख मतों से हराकर विधायक बने। यह जीत अपने आप में बड़ी मानी गई, लेकिन उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि 2022 के चुनाव में सामने आई।
इस चुनाव में उन्होंने 2 लाख 14 हजार से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की, जो भारत के चुनावी इतिहास में किसी भी विधायक द्वारा प्राप्त सबसे बड़ी जीत थी। इस जीत ने न केवल भाजपा की स्थिति को मजबूत किया, बल्कि सुनील शर्मा को प्रदेश स्तर पर एक विश्वसनीय नेता के रूप में स्थापित किया।

जनसेवा, नेतृत्व और वक्तृत्व कला
सुनील शर्मा न केवल एक कुशल राजनेता हैं, बल्कि उनकी वक्तृत्व कला, मुद्दों पर पकड़ और ज़मीनी समझदारी उन्हें एक अलग स्थान दिलाती है। वे सदन में सक्रिय भागीदारी करते हैं और जनता से जुड़ाव बनाए रखते हैं।
उनके जीवन परिचय में यह भी उल्लेखनीय है कि वे पेशे से वकील होने के बावजूद आम जन की समस्याओं को कानूनी और राजनीतिक दोनों दृष्टिकोणों से हल करने का प्रयास करते हैं। यही वजह है कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र में बेहद लोकप्रिय हैं।
पारिवारिक जीवन और निजी रुचियाँ
सुनील कुमार शर्मा का विवाह अल्केश शर्मा से हुआ है, जो एक स्वरोजगार में संलग्न हैं। शर्मा का स्थायी निवास लखनऊ स्थित 41-A, विधायक निवास-1 में है, लेकिन वे अक्सर साहिबाबाद में जनता से सीधा संवाद करते हैं। उनके व्यवहार में सहजता, विनम्रता और सेवा भावना स्पष्ट दिखाई देती है।
आदर्श जनप्रतिनिधि का जीवन परिचय और प्रेरणादायक राजनीतिक सफर
सुनील कुमार शर्मा का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर यह दर्शाता है कि दृढ़ इच्छाशक्ति, सेवा भावना और जनसंपर्क के साथ अगर कोई राजनीति में कदम रखता है, तो वह जननेता बन सकता है। साहिबाबाद जैसे बड़े और जटिल निर्वाचन क्षेत्र से लगातार दूसरी बार ऐतिहासिक जीत दर्ज कर उन्होंने सिद्ध कर दिया है कि जनता उन पर भरोसा करती है।
UP Election Results 2022: यूपी के वोटों के अंतर से जीत का Margin Meter
गाजियाबाद जिले की विधानसभा सीटों का चुनाव परिणाम (2022) [ Ghaziabad Assembly Election Results 2022 ]
सीट का नाम | विजेता (पार्टी) |
---|---|
गाजियाबाद सदर | संजीव शर्मा (2024 ByPoll ) / अतुल गर्ग (भाजपा) |
साहिबाबाद | सुनील शर्मा (भाजपा) |
मोदीनगर | मंजू शिवाच (भाजपा) |
मुरादनगर | अजीत पाल त्यागी (भाजपा) |
लोनी | नंदकिशोर गुर्जर (भाजपा) |