विनोद शंकर अवस्थी का जन्म 15 नवम्बर 1959 को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले के धौरहरा कस्बे में हुआ। उनके पिता श्री राम शंकर अवस्थी एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक थे। विनोद शंकर अवस्थी का पारिवारिक परिवेश शिक्षा और समाज सेवा से जुड़ा हुआ था।

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धार्मिक रूप से वे हिंदू और जातिगत रूप से ब्राह्मण समुदाय से आते हैं। उनकी शिक्षा स्नातकोत्तर स्तर तक हुई है। 7 जुलाई 1981 को उनकी शादी श्रीमती मंजू अवस्थी से हुई। उनके चार बच्चे हैं – दो पुत्र और दो पुत्रियां।

व्यवसाय के रूप में विनोद अवस्थी कृषि से जुड़े रहे, जिससे उन्हें ग्रामीण समाज की आर्थिक और सामाजिक समस्याओं की गहरी समझ मिली।

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विनोद शंकर अवस्थी का राजनीतिक सफर

आंदोलन से राजनीति की ओर यात्रा

विनोद शंकर अवस्थी का राजनीतिक सफर 1990 के दशक में शुरू हुआ, जब वे धौरहरा क्षेत्र में किसानों की समस्याओं को लेकर उठ खड़े हुए। उस समय शारदा नहर परियोजना के सीपेज और तटबंध की मांग को लेकर किसान आंदोलित थे। विनोद अवस्थी ने तराई किसान यूनियन के बैनर तले पदयात्राएं और धरने-प्रदर्शन किए।

यह आंदोलन क्षेत्र में उनकी पहचान का कारण बना। लोग उन्हें एक संघर्षशील किसान नेता के रूप में जानने लगे। इसी आधार पर उन्होंने वर्ष 2000 में धौरहरा से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा और रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की।

विधानसभा चुनाव में प्रवेश

विनोद शंकर अवस्थी का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर दर्शाता है कि उन्होंने कई बार विधानसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता धीरे-धीरे मिली। 2002 में जब उन्हें किसी पार्टी से टिकट नहीं मिला तो उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और 8,450 वोट हासिल किए।

2012 में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें टिकट दिया, पर वे 12,350 वोट प्राप्त कर चुनाव हार गए। इसके बावजूद उनकी लोकप्रियता ग्रामीण इलाकों में बनी रही। जनता उन्हें “विनोद धौरहरा” के नाम से जानने लगी और नारा बना – “गरीब का प्यारा, विनोद धौरहरा।”

विनोद शंकर अवस्थी : 2022 का निर्णायक चुनाव

2022 के चुनावों में विनोद शंकर अवस्थी का राजनीतिक सफर निर्णायक मोड़ पर पहुंचा। भाजपा ने उन्हें धौरहरा विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया। बिना किसी बड़े संसाधन और रणनीतिक मशीनरी के, उन्होंने मेहनत और जनसंपर्क के बल पर चुनाव लड़ा।

10 मार्च 2022 को विनोद शंकर अवस्थी पहली बार उत्तर प्रदेश की अट्ठारहवीं विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। यह जीत उनके 32 साल के लगातार सामाजिक और राजनीतिक संघर्ष का परिणाम थी।


जनता से जुड़ाव और सेवा

धैर्य और संघर्ष की मिसाल

विनोद शंकर अवस्थी का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर यह स्पष्ट करता है कि उन्होंने कभी भी राजनीतिक असफलता से निराश नहीं होकर जनता से जुड़ाव बनाए रखा। चाहे चुनाव हार गए हों या टिकट कट गया हो, उन्होंने अपने संपर्क, सेवा और विनम्र व्यवहार से जनता का भरोसा बनाए रखा।


विनोद शंकर अवस्थी का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर एक ग्रामीण पृष्ठभूमि से आए व्यक्ति की लंबी यात्रा को दर्शाता है, जिसमें आंदोलन से लेकर विधायक बनने तक का सफर शामिल है। उनके संघर्ष, ईमानदारी और जनता से जुड़ाव ने उन्हें धौरहरा क्षेत्र की राजनीति में एक स्थायी पहचान दिलाई है।

UP Election Results 2022: यूपी के वोटों के अंतर से जीत का Margin Meter

Lakhimpur Kheri Election Result 2022

लखीमपुर खीरी ज़िले की सभी विधानसभा सीटों (2022) के विजयी प्रत्याशी

क्रम संख्याविधानसभा क्षेत्रविजयी प्रत्याशीपार्टी
1पलियाहरविंदर कुमार साहनी (रोमी)भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
2निघासनशशांक वर्माभारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
3गोला गोकर्णनाथअरविंद गिरीभारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
4श्रीनगरमंजू त्यागीभारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
5धौरहराविनोद शंकर अवस्थीभारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
6लखीमपुरयोगेश वर्माभारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
7कस्तासौरव सिंह सोनूभारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
8मोहम्मदीलोकेंद्र प्रताप सिंहभारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
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