वीरेंद्र चौधरी का जन्म 3 अप्रैल 1971 को उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के सिंहपुर अयोध्या गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम स्वर्गीय परमा देवी था। वह हिन्दू धर्म के अनुयायी हैं और कुर्मी जाति (पिछड़ी जाति) से संबंध रखते हैं।

उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व

शैक्षिक पृष्ठभूमि की बात करें तो वीरेंद्र चौधरी ने स्नातक की शिक्षा प्राप्त की और बीटेक (B.Tech) की डिग्री हासिल की। उनका विवाह 23 अप्रैल 1992 को शीला चौधरी से हुआ। उनके परिवार में एक पुत्र और एक पुत्री हैं।

पेशे से वे कृषि और इंजीनियरिंग कार्यों में संलग्न हैं। जीवन परिचय से स्पष्ट है कि उन्होंने ने शिक्षा और व्यवसाय दोनों क्षेत्रों में संतुलन बनाए रखा।

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वीरेंद्र चौधरी: राजनीतिक सफर

शुरुआती दौर और चुनावी प्रयास

वीरेंद्र चौधरी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से की। उन्होंने तीन बार बसपा के टिकट पर फरेंदा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी का दामन थामा और दो बार कांग्रेस के टिकट पर फरेंदा से चुनाव लड़ा।

उनके राजनीतिक सफर में सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह रहा कि उन्होंने हार के बावजूद जनसंपर्क और संगठन निर्माण में लगातार सक्रियता बनाए रखी।

2017 का चुनाव और संघर्ष

2017 के विधानसभा चुनाव में वीरेंद्र चौधरी ने कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी के रूप में फरेंदा सीट से चुनाव लड़ा। इस चुनाव में उन्हें मात्र दो हजार वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। यह हार उनके राजनीतिक सफर का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई, जिसने उनके जनाधार को और मजबूत किया।

वीरेंद्र चौधरी: पहली बार विधायक निर्वाचित

मार्च 2022 में वीरेंद्र चौधरी ने अट्ठारहवीं विधान सभा के चुनाव में फरेंदा सीट से जीत हासिल की। इस बार उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 1087 वोटों के अंतर से हराकर पहली बार विधायक निर्वाचित होने का गौरव प्राप्त किया।

यह उपलब्धि उनके जीवन परिचय और राजनीतिक सफर दोनों में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में दर्ज है।

संगठनात्मक भूमिकाएँ और जनआंदोलन

कांग्रेस में संगठनात्मक योगदान

वीरेंद्र चौधरी ने कांग्रेस पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। वे दो वर्षों तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इंडियन नेशनल कांग्रेस) के प्रदेश महासचिव और फिर प्रदेश उपाध्यक्ष रहे।

उनकी संगठनात्मक क्षमताओं ने उन्हें पार्टी के भीतर एक मजबूत स्थान दिलाया और उनके नेतृत्व कौशल को स्थापित किया।

जनआंदोलनों में सक्रियता

उन्होंने ने कई जनआंदोलनों में सक्रिय भागीदारी की। उन्होंने रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण को लेकर आंदोलन किया। इसके अलावा, तटबंधों की मरम्मत और नए तटबंधों की आवश्यकता को लेकर भी उन्होंने क्षेत्रीय जनसमस्याओं पर आवाज उठाई।

इन आंदोलनों में भागीदारी से उनका जनता से सीधा जुड़ाव और मजबूत हुआ, जो उनके राजनीतिक सफर में सहायक साबित हुआ।

वीरेंद्र चौधरी का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर यह दर्शाता है कि लगातार प्रयास, जनसेवा और संगठनात्मक मजबूती किसी भी नेता को सफलता दिला सकती है।

तीन बार बसपा और दो बार कांग्रेस से चुनाव लड़ने के बाद अंततः 2022 में फरेंदा विधानसभा सीट से विधायक बनकर वीरेंद्र चौधरी ने अपने राजनीतिक संघर्ष को मुकाम तक पहुँचाया।

महाराजगंज जिले की विधानसभा सीटों का परिणाम Maharajganj Assembly Election Results 2022

विधानसभा सीटविजेतापार्टी
नौतनवाऋषि त्रिपाठीनिषाद पार्टी
फरेंदावीरेंद्र चौधरीकांग्रेस
महराजगंज सदर (सुरक्षित)जय मंगल कनौजियाभाजपा
पनियराज्ञानेंद्र सिंहभाजपा
सिसवाप्रेमसागर पटेलभाजपा
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