मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट आज पेश हो रहा है. वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट पेश कर रहे हैं. इसके साथ ही आज तमाम अनुमानों पर अब विराम लगता दिखाई दे रहा है. बजट के लिए छपी गई 2500 कापियां संसद भवन पहुँच चुकी हैं. इसके पहले बजट की 8000 कापियां छपती थीं. आर्थिक सर्वे को देखते हुए सरकार की चिंता कुछ कम नहीं है. बजट में इसका कितना प्रभाव दिखाई देता है, ये चर्चा का विषय हो सकता है. अरुण जेटली 5वीं बार बजट पेश कर रहे हैं. 8 राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव 2019 से पहले ये बजट काफी अहम माना जा रहा है. बजट पेश होने से पहले कैबिनेट मीटिंग बुलाई गई जिसमें बजट को मंजूरी दी गई.
सरकार की योजनाओं की दी जानकारी
इस साल का बजट ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला होगा. वरिष्ठ नागरिकों पर भी ध्यान दिया जायेगा. गुड गवर्नेंस को आधार बनाकर हमारी सरकार काम करती रही है. 7.4 फीसदी विकास दर का अनुमान अगले सत्र में किया जा रहा है. हमारा फोकस गांवों के विकास पर होगा. उज्जवला और सौभाग्य योजना के जरिये बेहतर काम किया जा रहा है. गरीबों के लिए कई मुफ्त सेवाएं शुरू की गई है. सरकारी सेवाओं के लिए जरुरी प्रमाण पत्र ऑनलाइन करने का काम किया जा रहा है. सर्टिफिकेट अटेस्ट कराने की दुविधा को ख़त्म किया जा रहा है और युवाओं की भागदौड़ कम करने का प्रयास है. जिंदगी जीने के तरीके को आसान बनाने का काम किया जा रहा है. अनावश्यक नियमों के जाल को ख़त्म किया जा रहा है.
सरकार ने कस्टम ड्यूटी बढ़ाई
- मोबाइल और टीवी महंगे होंगे
- शिक्षा और स्वास्थ्य पर सेस की दर 1 फीसदी बढ़ेगी यानी अब 3 की बजाय देना होगा 4 फीसदी टैक्स
- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर अब 10 पर्सेंट टैक्स देना होगा
- बुजुर्गों के लिए FD, RD पर ब्याज टैक्स फ्री
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा पर टैक्स की छूट बढ़कर 50,000 रुपये हुई
- डिपॉजिट पर छूट 10 से बढ़ाकर 50 हजार रुपए हुई
- इनकम टैक्स पर 1 फीसदी सेस बढ़ाया गया. सेस 3 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी किया गया
- बजट से नाराज हुआ बाजार- सेंसेक्स में 300 अंकों की गिरावट निफ्टी भी लुढ़का
- शेयर खरीदने-बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 10 फीसदी होगा
- टीवी के कलपुर्जों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ी.
- बजट में मिडिल क्लास को राहत नहीं मिल रही है.
- इनकम टैक्स में अलग से सेस बढ़ाने के कारण ये भी पॉकेट पर बोझ बढ़ाएगा