जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में पत्थर बाजी के दौरान हुई हिंसा में सीआरपीएफ की गाड़ी के नीचे 3 लोगों के दबने और उनमे से एक की मौत के बाद आज राज्य पुलिस ने सीआरपीएफ की श्रीनगर यूनिट के खिलाफ 2 एफआईआर दर्ज की हैं.
सीआरपीएफ की गाड़ी के नीचे दबने से एक की मौत:
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के कश्मीर दौरे से पहले एक बार फिर से घाटी में हिंसा शुरू हो गई है. बता दें कि श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में शुक्रवार शाम को जुम्मे की नमाज के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बंकर बंद गाड़ी पर पत्थरबाजी की गई, जिसके बाद गाड़ी के नीचे आने से एक युवक की मौत हो गई और दो गंभीर रूप से घायल हो गए.
जिसके बाद आज जम्मू कश्मीर पुलिस ने सीआरपीएफ की श्रीनगर इकाई के खिलाफ 2 मुकदमे दर्ज किये हैं. नौहट्टा में सीआरपीएफ की गाड़ी के नीचे आने से एक पत्थरबाज की मौत के बाद उनपर धारा 307(हत्या का प्रयास), धारा 148 (घातक हथियार से सशस्त्र दंगा) और 277 (रश ड्राइविंग) के अलावा धारा 149, धारा 152, धारा 336 और धारा 427 लगाई गयी हैं.
क्या है मामला:
घटना के बारे में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ की गाड़ी एक अधिकारी को छोड़ कर वापस आ रही थी. रास्ते में लोग पत्थरबाजी कर रहे थे. जैसे ही सीआरपीएफ की गाड़ी पत्थरबाजों के सामने आई उन्होंने गाड़ी पर पत्थर बरसाना शुरू कर दिया. इसके बाद गाड़ी का ड्राइवर नर्वस हो गया और वहां से अपनी जान बचाकर भागने लगा जिसमें ये हादसा हो गया.
विपक्ष का विरोध:
घाटी में हुई इस घटना पर विपक्षी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सरकार को घेरा है.
ट्विटर पर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए उमर अब्दुल्ला ने लिखा, “प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पहले उन्होंने लोगों को जीप पर बांधकर सरेआम घुमाया और अब वो सीधे उनपर गाड़ी चढ़ा रहे हैं.”
Earlier they tied people to the fronts of jeeps & paraded them around villages to deter protestors now they just drive their jeeps right over protestors. Is this your new SOP @MehboobaMufti sahiba? Ceasefire means no guns so use jeeps? https://t.co/42W6vGAPVi
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 1, 2018
मर अब्दुल्ला के अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता जुनैद मट्टू ने भी इस घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. मट्टू ने कहा, ”सीआरपीएफ की गाड़ी के नीचे कश्मीरी युवक के दबे होने की तस्वीर बहुत ही भयावह है. हां ये सच है कि सीआरपीएफ की जिप्सी पर अटैक किया गया था. लेकिन ये लोकल पुलिस की गलती है कि उसने सीआरपीएफ की गाड़ी को ऐसे इलाके से जाने दिया जहां इतने सारे लोग मिलकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.”