कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों पर होने वाले चुनाव की मतदान की तारीख नजदीक आ रही है. इसी के साथ कांग्रेस और बीजेपी भी प्रदेश में अपनी पूरी ताकत लगा कर जीत पर अपना नाम दर्ज करवाने में लगी हुई है. इसी कड़ी में दोनों ही दल चुनाव प्रचार में लगे हुए है. इसको लेकर बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ कुछ विज्ञापन तैयार करवाए. जिनपर रोक लगा दी गयी है.
3 वीडियो विज्ञापनों के प्रसारण पर MCMC ने लगाई रोक:
कर्नाटक में 12 मई को 224 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है. चुनाव का दिन करीब आने के साथ ही राजनीतिक दलों का चुनाव प्रचार और तेज हो गया है. ये दल एक दूसरे खिलाफ माहौल तैयार करने के लिए हर रणनीति अपना रहे हैं. इसी क्रम में बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ कुछ विज्ञापन भी तैयार किए थे. कांग्रेस ने इन विज्ञापनों पर आपत्ति जताई और मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (एमसीएमसी) में एक शिकायत दर्ज कराई. जांच के बाद एमसीएमसी ने बीजेपी के तीनों वीडियो विज्ञापनों के प्रसारण पर रोक लगा दी है.
एमसीएमसी ने शुक्रवार को मीडिया को इन विज्ञापनों को दिखाने से रोका था. उसने कहा था कि ये विज्ञापन चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हैं. कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति (केपीसीसी) की ओर से पार्षद वीएस उगरप्पा द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर एमसीएमसी ने कार्रवाई करते हुए इन विज्ञापनों को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताया है.
आपत्तिजनक शब्दों की वजह से लगी रोक:
सूचना और जनसंपर्क विभाग के आयुक्त हर्षा पी एस ने अपने आदेश में 35-35 सेकेंड के ‘जन विरोधी सरकार’, ‘विफल सरकार’ और 50 सेकेंड के ‘मूरु भाग्य’ के प्रसारण पर रोक लगा दी. इन तीनों विडियो विज्ञापनों की इजाजत भाजपा के राज्य कार्यालय सचिव गणेश याजी को 22 अप्रैल को दी गई थी. उगरप्पा ने अपनी शिकायत में कहा कि ये विज्ञापन भारतीय दंड संहिता के साथ ही लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत हैं.
गौरालब है कि कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों पर 12 मई को वोट डाले जाएंगे. वोटों की गिनती 15 मई को होगी. चुनावों में ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को अपने पक्ष में राजनीतिक दल एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. कांग्रेस की तरफ से खुद राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली हुई है, तो बीजेपी की तरफ से इस चुनावी रण में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह समेत 40 दिग्गजों की फौज चुनाव प्रचार में जुटी हुई है.