8 नवमबंर 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा करके सबको चौका दिया था कि 500 व 1000 के नोट कानून मान्य नही होगे.नोटबंदी को तकरीबन सवा साल के उपर का समय होने वाला है लेकिन ऐसे में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसे सुनकर आप चौक जाएगे, कानपुर के घर में तकरीबन 96 करोड़ के पुराने नोट जब्त किए गए है. भारत में पुराने 500 व 1000 के नोट रद्दी हो चुके है, लेकिन कानपुर में जब्त किये गये नोट व इन नोटो के साथ दो व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया है.बताया यह जा रहा है कि पुराने नोटो का कनेक्शन नेपाल से है.जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनसे पूछताछ के बाद यह पता चला है की इनके नेटर्वक में तकरीबन 200 से ज्यादा कारोबारी थे.
बैन नाेटाें का जखीरा मिलने से हड़कम्प मच गया
कानपुर में 1000 अाैर 500 रुपये के बैन नाेटाें का जखीरा मिलने से हड़कम्प मच गया है. क्राइम ब्रांच अाैर एनअाईए की संयुक्त टीमाें ने छापमारी के बाद 96 कराेड़ 62 लाख रुपये की पुरानी करेंसी जप्त की है. देश के कई नामी बिल्डराें अाैर नामचीन कंपनियाें के नाम इस मामले से जुड़ रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल है अाखिर 14 महीनाें बाद जब सरकार ने पुराने नाेटाें काे पूरी तरीके से बैन कर दिया है ताे कैसे ये नाेट बदले जाने वाले थे. अशोक खत्री संतोष यादव मुख्य आरोपी है जिन्हे एटीएस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है.
भारत में प्रतिबंधित नोट नेपाल में अभी भी चल रहे है
अलग-अलग जगहो से इकठ्ठा किए गए इन नोटों के तार कानपुर से बिहार के रास्ते नेपाल से जुड़े हैं. इन नोटो को भारत के अलग-अलग जगह से नेपाल भेजा जाना था,वहां पर प्रतिबंधित नोट अभी भी चल रहे है.सूत्रों के मुताबिक इन नोटो को वहां कि रिर्जव बैंक में जमा कराया जाना था जिससे बंद हो चुके इन नोटो को पूरे दामों पर भुनाया जा सके,लेकिन एटीएस ने छापा मार कर इस बड़े खेल का खुलासा किया,छापेमारी में दो मुख्य आरोपी गिरफ्तार किये गये,अशोक खत्री, संतोष यादव मुख्य आरोपी है.
नेपाल व भारत का कैरेंसी एक्सचेज का मामला तय माना जा रहा है
नेपाल में एक व्यक्ति को भारत की कैरेंसी 25 हजार रुपय रखने का अधिकार है नोटबंदी के बाद अभी तक नेपाल से नोट बदली की प्रकिया नही हो पाई है. नेपाल रिर्जव बैक के पास भारत की कैरेंसी के तकरीबन 3300 करोड़ रुपये होने का अनुमान है.भारत में नोटबंदी के बाद भी पुराने नोट नेपाल में धडल्ले से चल रहे है.एेसे में माना यह जा रहा है की नेपाल व भारत के नोट बदलने की प्रकिया तय है.तो एेसे में काले धन को सफेद करने के लिए लाइन लग गई है.
आरोपियों से पूछताछ से पता चला हैं की भारत में तकरीबन 200 व्यापारी इन के सर्कल में थे,और नेपाल के भी कुछ बैंककर्मी इसमे मुनाफा कमाना चाहते है.तो भारत के पुराने नोटों की बोली इस प्रकार है कि 1000 के नोट के 100 से 150 रुपय मिलगे ज्यादा कैश पर 15 प्रतिशत के साथ कैरेंसी को बदले जाने की खबर है. अब यह तो तय है की नेपाल के पुराने नोट की प्रकिया जल्द ही भारत के साथ शुरु होगी एेसे में नेपाल के बैक कर्मी मुनामा कमाने के चक्कर में भारत के व्यापारियों व पुराना काला धन रखनेवालों को लालच देकर खुद भी मुनाफा कमाना चाहते है.
किन किन देशो में लिए जा रहे है पुराने नोट और क्या है नियम
कुछ पड़ोसी देश हैं जो अभी भी भारतीय पुराने नोट चलन में है और उनको आदान प्रदान करने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि सरकार अभी तक यह इस बारे में कोई फैसला नहीं ले पाई है.नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और जिम्बाब्वे जैसे देशों में पुरानी नोटों की संख्या पर्याप्त है, वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को संसद की वित्त स्थायी समिति को इस बारे में बताया हैं.आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष गर्ग ने इस समिति को बताया है कि 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों के जरिये भारतीय मुद्रा में राशि वापस नहीं की गई थी. भारत के कुछ पड़ोसी जहां भारतीय मुद्रा का उपयोग किया जाता है,वहां से अभी पुुरानी कैरेंसी को वापस नही किया गया है.
भारत के नए 500 व 2000 के नोट नेपाल में अमान्य
नोटबंदी के बाद भारत की नई कैरेंसी 500 व 2000 के नोटो को नेपाल में अनुमति नही मिली है.इसका कारण यह है की अभी पुरानी कैरेंसी को भारत के द्वारा बदला नही गया है इसी लिए नेपाल में अभी पुराने नोट ही चल रहे है.नेपाल सरकार बार-बार भारत सरकार पर यह दबाव बना रही है की उसके पास जो भारत की पुरानी कैरेंसी है उसको बदला जाए,एेसे में जो वहां के लोकल बैक है उन्हे यह पता है कि आज नही तो कल यह नोट बदले जाएगे तो उनके द्वारा भारत के लोगों को 15 फीसदी यानी 100 करोड़ के बदले 15 करोड़ का लालच दिया जा रहा है.