सुप्रीम कोर्ट ने आज ऑनर किलिंग पर फैसला सुनाते हुए खाप पंचायतों का बालिगों की शादी में हस्तक्षेप को गैरक़ानूनी करार दिया है.एससी ने कहा के 2 व्यस्क अपनी मर्जी से किसी से भी शादी कर सकते हैं. उन्हें रोकना या दबाव बनाना अपराध माना जायेगा. 

कोर्ट खुद लेगी खेप पंचायतो पर एक्शन

एससी ने खाप पंचायतों के खिलाफ सरकार द्वारा कार्रवाई की मांग को लेकर दायर याचिका पर फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि कोई भी पंचायत या जनसभा दो बालिगों की मर्जी से की गई शादी में हस्तक्षेप करती है तो इसे गैरकानूनी माना जाएगा। इससे पहले फरवरी में हुई सुनवाई में ऑनर किलिंग पर बेहद सख्त रुख अपनाते हुए खाप पंचायतों को फटकार लगाई थी।

एक गैरसरकारी संगठन शक्ति वाहिनी (एनजीओ) ने ऑनर किलिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन फाईल की थी. पिटीशन में मांग की गई थी कि इस तरह के अपराधों पर रोक लगनी चाहिए। उत्तर भारत खासतौर पर हरियाणा में कानून की तरह काम कर रही खाप पंचायतें या गांव की अदालतें परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी करने वालों को सजा देती हैं।

इस मामले पर पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बालिग लड़का या लड़की अपनी मर्जी से शादी कर सकते हैं। कोई पंचायत, खाप पंचायत, पैरेंट्स, सोसायटी या कोई शख्स इस पर सवाल नहीं कर सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार खाप पंचायतों पर बैन नहीं लगाती तो कोर्ट इस विषय में एक्शन लेगा।

इसी के साथ एससी ने एनजीओ की याचिका पर हुई पिछली सुनवाई के दौरान यह कहा था कि कोर्ट जल्द ही ‘ऑनर किलिंग’ को गंभीर अपराध की श्रेणी में लाने वाला एक कानून लाने जा रहा है. जिसके बाद ऐसे मामलों में  तत्काल पुलिस कार्रवाई हो सकेगी और दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामला तुरंत शुरू किया जा सकेगा.

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