गर्मी में पहाड़ों और ठंडे प्रदेशों की ओर रुख करने वालों के लिए सोशल मीडिया पर एक सन्देश वायरल हो रहा हैं कि पर्यटन शिमला ना आयें. जीं हाँ, इस सन्देश में शिमला आने से रोका जा रहा हैं. इतना ही नहीं कोर्ट के एक फैसले के बाद कंस्ट्रिक्शन का काम बंद, कार वॉशिंग सेंटर पर रोक और वीवीआईपी कल्चर खत्म हो गया हैं. भला क्यों?
शिमला में जल संकट से जूझ रहे लोग:
हर साल सैकड़ों लोग शिमला घूमने आते हैं. लेकिन इस बार ‘क्वीन ऑफ हिल्स’ पर्यटनों को अपनाने में सक्षम नहीं हैं. कारण, शिमला बीते कुछ वर्षों से पीने के पानी का संकट झेल रहा है. बीते कुछ माह से हालात और बुरे हो गए हैं.
बीते वर्ष मानसून के कमजोर रहने और जाड़ों में कम हिमपात के कारण पानी का भीषण संकट खड़ा हो गया है. स्थानीय लोगों के घर हफ्ते में एक बार ही पीने का पानी पहुंच पा रहा है. होटल, रेस्त्रां और अन्य पर्यटक स्थलों पर पानी के टैंकर मंगाकर काम चलाया जा रहा है.
स्थानीय लोगों को टैंकरों से पानी लेने के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है. वहीं गांवों में हालात और खराब हैं. लोगों को पानी लाने के लिए बहुत दूर तक जाना पड़ रहा है.
इससे राज्य के पर्यटन उद्योग को कड़ी चोट लगने की आशंका है. बता दे कि राज्य में पर्यटन लोगों की आजीविका का मुख्य स्रोत है.
और यही वजह है कि फेसबुक और व्हाट्सऐप पर यह संदेश तेजी से वायरल हो रहा हैं कि, ‘शिमला को इस गंभीर हालात से उबरने में कुछ समय लगेगा. अगर आप शिमला से मुहब्बत करते हैं तो कृपया कर यहां मत आएं.’
सोशल मीडिया पर पर्यटकों से कहा जा रहा है कि वे शिमला घूमने न जाएं और इस मुहिम को बीते कुछ दिनों में अच्छा रिस्पांस भी मिला है. शायद यही वजह है कि इस बार बार वहां कम पर्यटक दिख रहे हैं.
कोर्ट के सख्त आदेश :
इतना ही नही हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने मौजूदा हालातों को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री और राज्यपाल को छोड़ तमाम वीवीआईपी और वीआईपी को टैंकर से पानी सप्लाई पर रोक लगा दी है.
पानी की किल्लत इस कदर बढ़ चुकी हैं कि अनाडेल में गोल्फ कोर्स में घास की सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाला पानी भी अब शहर के लोगों के बीच बांटा जाएगा। वहीं हालात सामान्य होने तक कंस्ट्रिक्शन का काम बंद रहेगा।
इसके अलावा शहर की कार वॉशिंग सेंटर पर भी रोक लगा दी गई है। कोर्ट ने राज्य सरकार को सेना से संपर्क करने को भी कहा है।
सरकार को पानी के दूसरे स्त्रोतों को तलाश कर सप्लाइ शुरू करने को कहा गया है। हाईकोर्ट नगर निगम से रोजाना आधार पर बूंद-बूंद का हिसाब भी लेगा।
यहां तक कि कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सहित किसी भी न्यायाधीश के यहां पर टैंकरों से पानी की सप्लाइ नहीं होगी।