Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Special News

व्यंग्य: ‘आजादी’ खैर मनाइए भारत में मांगी, वरना इसका अंजाम…

साउथ दिल्ली के अरावली रेंज के बीच बने विश्वविद्यालय और नॉर्थ दिल्ली में बने विश्वविद्यालय को लेकर चर्चाओं का बाजार हमेशा गर्म ही रहता है। जानते हैं क्यों, वही ‘आजादी’।हां तो हम बात कर रहे हैं 21वीं सदी में आजादी की जो 20वीं सदी में पहले ही मिल चुकी है। लेकिन आप इन दो विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों या सो कॉल्ड छात्र नेताओं को कड़ाके की ठंड में बेहद ठंडा पानी डालकर गहरी नींद से उठाने की कोशिश करेंगे, तो विश्वास मानिये ये तब भी पहला शब्द चिल्लाते हुए ‘आजादी’ ही निकलेगा। इनमें से ज्यादातर को तो यहीं नहीं पता होगा कि आजादी कब मिली थी, और ये अब किस बात की आजादी मांग रहे हैं।खैर मनाइए भारत में मांगी….भारत एक ऐसा देश है जहां आप किसी भी मैदान में खड़े होकर आजादी मांगते हुए उसी को बदनाम कर सकते है। शायद इससे बड़ी आजादी कहीं नहीं मिलने वाली। कुछ लोग यहां पर ही गो बैक इंडिया, कश्मीर की आजादी तक जंग रहेगी, भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी, ‘भारत मुर्दाबाद’ और ‘अफजल, हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं। जैसे नारे लगा सकते हैं।विश्वास नहीं तो ये चीज आप पाकिस्तान जैसे देश में पाकिस्तान के खिलाफ करने भर की सोचिए। कहीं न कहीं से एक गरमा-गरम गोली बिना आवाज़ किए आपके कोमल से शरीर को पार कर गई होती। अगर आप इससे बचने में कामयाब हो जाते तो एक न एक जिहादी आपके बगल में खड़ा होकर एक बटन दबाता और आप नरक या नरक में ही मिलते। वरना पाकिस्तान में एक चीज तो बेहद फेमस है, कि स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी को बम से उड़ाकर किस्सा खत्म कर दो।इन दो विश्वविद्यालयों की वज़ह से कहीं भारत की जनता टैक्ट देना न बंद कर दें। क्योंकि जिस टैक्ट से इन सो कॉल्ड स्कॉलर्स को फंड मिलता है, वहीं बंद हो जाए तो अच्छा लगेगा उन्हें।ये आजादी की रट लगा रहे शाम ढलते ही उन्हीं अरावली रेंज और छात्रा मार्ग के आस-पास धुएं और प्रेम की लीलाओं में मस्त नज़र आ जाएंगे। इन्हें खुद नहीं पता कि घर से निकल कर कब इनके हाथ में खादी का थैला और शरीर पर कुर्ता आ गया। फिर क्या बन बैठे नए नौटंकी बाज।इस बेवजह आजादी की मांग को हवा देने वालों में हमारे एक आम मुख्यमंत्री और एक पार्टी के बेहद खास उपाध्यक्ष पहले नबंर पर आते है। इन्हें कोई काम आता हो या न आता हो, लेकिन बवाल में खुद पर फोकस लाना बहुत अच्छे से आता है।(ज्ञान: किसी भी तरह की राजनीति से सबसे ऊपर होता है देश।)

Related posts

Kalki Koechlin, Farah Khan Ali unveil a collection of jewels in collaboration with Magnum

Ketki Chaturvedi
6 years ago

विशेष: भारत का ऐसा गाँव जहाँ ‘मुफ्त’ में मिलता है दूध-दही!

Shashank
7 years ago

मणिपुर में 500 सालो से लग रहा ये अनोखा बाजार, दुकानदार और खरीदार केवल महिलाएं

Jyoti Sharma
6 years ago
Exit mobile version