उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी और परिवार की रार अब किसी से छुपी नहीं है। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, बीते कई दिनों से पार्टी के किसी नेता ने मीडिया से बातचीत के दौरान ये नहीं कहा है कि, “पार्टी में सब कुछ ठीक है”। वहीँ पार्टी में प्रभुता की लड़ाई से सबसे ज्यादा सपा प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव की फजीहत हुई है।
सपा प्रमुख के आदेशों का पालन करने पर भी छीछालेदर:
- समाजवादी पार्टी और परिवार की लड़ाई में अभी तक सबसे ज्यादा नुक्सान सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को ही हुआ है।
- आंतरिक कलह के चलते शिवपाल सिंह यादव की फजीहत अखिलेश और अखिलेश यादव खेमे की तरफ से बार-बार की गयी।
- वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि शिवपाल सिंह यादव सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के आदेशों का पालन कर रहे थे।
- समाजवादी पार्टी में हमेशा से यही कहा जाता है कि, नेताजी का फैसला ही अंतिम फैसला होता है।
- अगर ये सही है तो सपा प्रमुख के आदेशों को मानने की सजा अखिलेश द्वारा शिवपाल को क्यों दी गयी?
नेताजी का आदेश शिवपाल के लिए ‘पत्थर की लकीर’:
- समाजवादी पार्टी में अखिलेश और शिवपाल सिंह दोनों ही हमेशा ये कहते हैं कि, नेताजी जो कहेंगे वो हम करेंगे।
- लेकिन सही मायनों में इस बात के मायने शिवपाल सिंह ही पूरे करते हैं, जो मात्र नेताजी का आदेश मानकर ही सबकी नज़रों में बुरे साबित हो चुके हैं।
- कौमी एकता दल विलय के जिस मामले से परिवार में आग भड़की थी।
- उसके लिए भी सपा प्रमुख ने ही शिवपाल को निर्देश दिए थे।
- पार्टी के अन्दर भी सभी को यह मालूम है कि, शिवपाल सिंह के लिए सपा प्रमुख का आदेश पत्थर पर लकीर के समान है, “जिसे मिटाया नहीं जा सकता है”।
‘मुलायम भक्त’ शिवपाल सिंह की हुई फर्जी फजीहत:
- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भले ही परिवार में पड़ी फूट के लिए अमर सिंह पर हमला करते हों।
- लेकिन उनका निशाना हमेशा से ही शिवपाल सिंह यादव ही रहते थे।
- वहीँ सपा प्रमुख के आदेश पर विलय कराने गए शिवपाल से उनके विभाग छीनकर उनके कद को कम करने की कोशिश न की जाती।
- अखिलेश ने पूरी जनता के सामने सारे मामलों को इस तरह से पेश किया कि, वो अपराधियों को टिकट दिए जाने के खिलाफ हैं।
- अगर ये सारा ड्रामा और नौटंकी अखिलेश की छवि बनाने के लिए की जा रही है,
- “तो मुलायम भक्त शिवपाल को नाहक ही खलनायक की भूमिका में दिखाया जा रहा है”।
- साथ ही सपा प्रमुख को भी इस बात पर गौर करना चाहिए कि,
- “बेटे के चक्कर में कहीं वे अपने भक्त शिवपाल के साथ कुछ गलत तो नहीं कर रहे हैं”?
- मुख्यमंत्री अखिलेश हमेशा से इशारों में कहते हैं कि, नेताजी दूसरों के प्रभाव में हैं, यह बात शिवपाल सिंह के लिए कही जाती रही है।
- अगर ये सही मान भी लिया जाए तो क्या मुख्यमंत्री अखिलेश निष्काषित रामगोपाल के प्रभाव में नहीं हैं?
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