समाजवादी पार्टी की कलह अब न शांत होते दिखाई दे रही है, न ठंडी पड़ती नजर आ रही है। मुलायम और अखिलेश खेमे दोनों ही झुकने को तैयार नहीं हैं। बीते शनिवार को रामगोपाल यादव शपथ पत्र लेकर गए, तो रविवार को सपा प्रमुख ने पार्टी कार्यालय पर ताला लगवा दिया। सुलह की मद्धिम रौशनी आजम खान की कोशिशों के बाद कहीं न कहीं दोनों खेमों ने यह जाहिर कर दिया है कि, पार्टी और परिवार में पड़ी इस खाई में सुलह की कोई जगह नहीं बची है।
सपा प्रमुख शिवपाल सिंह और अमर सिंह को नहीं छोड़ सकते:
- समाजवादी पार्टी के अभी तक के झगड़े की सबसे प्रमुख वजह दो को ही माना जा रहा है।
- एक सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और दूसरे अमर सिंह।
- मुख्यमंत्री अखिलेश को पार्टी में सिर्फ इन दोनों से ही समस्या है।
- लेकिन सपा प्रमुख किसी भी शर्त पर शिवपाल और अमर सिंह को नहीं छोड़ सकते हैं।
कारण:
- शिवपाल सिंह यादव सपा प्रमुख के भाई हैं और सपा को यहाँ तक पहुंचाने में उनका योगदान भी सपा प्रमुख जितना ही है।
- यह बात सपा प्रमुख जानते हैं कि, अखिलेश भले ही उनकी बात को ठुकरा दें, लेकिन शिवपाल सिंह कभी ऐसा नहीं करेंगे।
- वहीँ अमर सिंह का साथ सपा प्रमुख इसलिए नहीं छोड़ेंगे कि, क्योंकि अमर सिंह फंडिंग जुटाने के एक्सपर्ट माने जाते हैं।
- वहीँ ये बात तो लगभग तय चुकी है कि, सपा प्रमुख अब अकेले ही चुनाव लड़ेंगे।
- अमर सिंह के कई एहसान भी सपा प्रमुख पर हैं, जिनका जिक्र वे खुद सार्वजनिक मंच से कर चुके हैं।
रामगोपाल यादव अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं:
- सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच अब सुलह की उम्मीद न क बराबर बची है।
- जिसकी सबसे बड़ी और प्रमुख वजह कहीं न कहीं रामगोपाल यादव हैं।
- जो अखिलेश और सपा प्रमुख के बीच सुलह न देने हो कर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं।
- सुलह की हर कोशिश के बाद रामगोपाल के विवादित बयानों उनका निजी स्वार्थ नजर आने लगा है।
- वहीँ कुछ एक्सपर्ट्स का मानना यह भी है कि, रामगोपाल यादव अब अपनी बेइज्जती का बदला ले रहे हैं।
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