नोटबंदी के बाद से भारतीय बाजार में सिक्कों की तादात काफी बढ़ गयी है। अगर आपके ये ख़ास तरह का सिक्का है तो इसे किसी को भी दीजियेगा मत क्योंकि यही सिक्का आपको कुछ ही समय में लखपति बना सकता है। ये खबर सुनकर पहली बार में किसी को यकीन नहीं होगा मगर ये सच है। कुछ ऐसे भारतीय सिक्के हैं जो अब नहीं चलते हैं। भारत में न चलने वाले सिक्कों की कीमत अब लाखो में हो चुकी है। आज हम आपको 25 पैसे के सिक्के की कहानी बतायेंगे जिन्हें जानकार सभी लोग हैरान रह जायेंगे।

यहाँ हो रही बिक्री :

ये खबर सुनकर कोई भी आश्चर्य चकित न हो। देश के आन्ध्रप्रदेश राज्य में सिक्के की दुकान लगाने वाले व्यापारी के पास इसी तरह कुछ सिक्के संग्रहित किये हैं जिनमें से 1 रुपए, 50पैसे और 25 पैसे का ‘गैंडे’ वाला ये सिक्का

उन्होंने इसे तीन लाख रूपये में बेचा है। यदि आपके पास भी तरह के सिक्के हैं तो उन्हें आप भी ऑनलाइन शॉप पर बेच सकते हैं। पाई, अधेला और दुअन्नी, एक पैसा, दो पैसे, पांच पैसे, दस पैसे और 20 पैसे के बाद अब चवन्नी भी आज से इतिहास में समा गई।

25 paise old coin

चवन्नी है इतिहास में दर्ज :

 चवन्नी धातु का एक सिक्का मात्र नहीं थी बल्कि हमारे इतिहास का एक ऐसा गवाह भी थी जिसने वक्त के न जाने कितने उतार चढ़ाव देखे। सन् 1919, 1920 और 1921 में जार्ज पंचम के समय खास चवन्नी बनाई गई  थी. इसका स्वरूप पारंपरिक गोल न रखते हुए अष्ट भुजाकार रखा गया था। यह चवन्नी निकल धातु से तैयार हुई थी लेकिन यह खास आकार लोगों को लुभा नहीं पाया।

इतिहासकारों की मानें तो यह पहली ऐसी चवन्नी थी जिसका आकार गोल नहीं था। इतिहासकार बताते हैं कि मशीन से बनी चवन्नी पहली बार 1835 में चलन में आई उसे ईस्ट इंडिया कंपनी के विलियम चतुर्थ के नाम पर जारी किया गया था। तब यह चांदी की हुआ करती थी।

25 paise old coin

पुराने सिक्कों के संग्रह का शौक रखने वाले 67 वर्षीय बुजुर्ग श्रीभगवान ने बताया कि 1940 तक आयी चवन्नियां पूरी तरह चांदी की रहीं लेकिन इसके बाद मिलावट का दौर शुरू हुआ और 1942 से 1945 के बीच आधी चांदी की चवन्नी बाजार में उतारी गई।

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