कौमी एकता दल के अफजाल अंसारी, अब्बास अंसारी और सिबगतुल्लाह अंसारी ने गुरुवार 26 जनवरी को बसपा ज्वाइन कर ली है।
(नोट: नाम पर न जायें मुख़्तार अंसारी की पार्टी है)
विलय के बाद पहुंचे अमीनाबाद:
सूत्रों के अनुसार, बसपा में विलय के बाद अफजाल अंसारी आनन-फानन में अमीनाबाद के लिए रवाना हो गए, अकेले ड्राइवर के साथ। गाड़ी को कैसरबाग चौराहे पर खड़ी कराके अफजाल हाथ में बड़ा सा बैग लिए अमीनाबाद में लखनऊ के फ्री फोकट लोगों की भीड़ से निकलते हुए एक रंगरेज की दुकान पर जा पहुंचे।
अफजाल ने दुकान के काउंटर पर बैग रखा और उसमें से करीब दो दर्जन कुर्ते और शर्ट निकालते हुए उन्हें नीले रंग का करने का ऑर्डर दिया। जिसका कुल बिल 420 रुपये हुआ था।
(नोट: कुर्तों की संख्या को लेकर बुद्धिजीवियों में बहस चल रही है)
यक्ष प्रश्न: विधायक जी तो नया ले सकते हैं, फिर रंगा काहे रहे हैं?
कलियुगी युधिष्ठिर वाला जवाब:
कारण! भाई साहब नोटबंदी, इतनी जल्दी भूल गये?
(भारतीयों को ब्रम्हा जी का वरदान प्राप्त है ‘भूला’)
कलियुगी युधिष्ठिर वाला जवाब संख्या 2:
सूत्रों के अनुसार, नोटबंदी के चलते सारा जुगाड़ हाथी की सवारी के टिकट में चला गया।(जैसा कि, भूतकाल में स्वामी प्रसाद मौर्य के कथनानुसार)।